अंतरराष्ट्रीय
KAREN MINASYAN
रूस ने अज़रबैजान पर नागार्नो-काराबाख़ में रूस के शांतिबलों के नियंत्रण वाले क्षेत्र में दख़ल देने के आरोप लगाए हैं.
साल 2020 में आर्मीनिया और अज़रबैजान के बीच हुए युद्ध के बाद रूस ने ही शांति-समझौता कराया था और अपने शांति बल तैनात किए थे.
ये पहली बार है जब रूस ने समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया है. रूस के रक्षा मंत्रालय ने अज़रबैजान पर तुर्की निर्मित ड्रोन के जॉरिए काराबाख़ में बलों पर हमला करने के आरोप भी लगाए हैं.
रूस ने क्षेत्र में बढ़ रहे तनाव को लेकर चिंता भी ज़ाहिर की है. वहीं अज़रबैजान के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि वो रूस की तरफ़ से जारी इकतरफ़ा बयान पर अफ़सोस ज़ाहिर करते हैं क्योंकि इसमें पूरा सच नहीं बताया गया है.
अज़रबैज़ान ने दावा किया है कि उसकी तरफ़ से संघर्ष विराम की किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं हुआ है. समाचार एजेंसी एएफ़पी के मुताबिक रूस और अज़रबैजान के रक्षा मंत्रियों ने इस क्षेत्र की स्थिति पर चर्चा की है और अज़रबैजान का कहना है कि उसने अपने सैन्य बलों की ज़मीनी स्थिति के बारे में जानकारी दी है.
अज़रबैजान ने आर्मीनिया पर काराबाख से सैनिक हटाने में नाकाम रहने और उकसावे की कार्रवाइयां करने के आरोप भी लगाए हैं.
अज़रबैजान ने कहा है कि वह रूस से मांग करता है कि अज़रबैजान के अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त क्षेत्र में मौजूद बाकी आर्मीनियाई बलों को भी वहां से हटाए. इस क्षेत्र में आर्मीनिया और अज़रबैजान की सेनाओं के बीच टकराव होता रहा है.
लेकिन शनिवार का घटनाक्रम पहली बार है जब रूस ने किसी पक्ष पर 2020 में हुए संघर्ष विराम का उल्लंघन करने के आरोप लगाए हैं. रूस ने ये भी कहा हि कि उसने अज़रबैजान से इस क्षेत्र से अपनै सैनिकों को पीछे हटाने के लिए कहा है. (bbc.com)