अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने अपनी सरकार पर अविश्वास मत आने से पहले राजधानी इस्लामाबाद में अहम रैली को संबोधित किया है.
इस्लामाबाद के परेड ग्राउंड में अपने समर्थकों की भारी भीड़ को संबोधित करते हुए इमरान ख़ान ने ये भी कहा है कि उनके ख़िलाफ़ बाहर से साज़िश की जा रही है और वो किसी की ग़ुलामी स्वीकार नहीं करेंगे.
इमरान ख़ान ने कहा, "हमारे देश को हमारे पुराने नेताओं की करतूतों की वजह से धमकियां मिलती रही हैं. हमारे देश में अपने लोगों की मदद से लोगों तब्दील किया जाता रहा."
इमरान ख़ान ने कहा, "ज़ु्ल्फ़ीकार अली भुट्टो ने जब देश की विदेश नीति को आज़ाद करने की कोशिश की तो फ़ज़लुर्रहमान और नवाज़ शरीफ़ की पार्टियों ने अभियान चलाया जिसकी वजह से उन्हें फ़ांसी दे दी गई. आज उसी भुट्टो के दामाद और उनके नवासे दोनों कुर्सी के लालच में अपने नाना की क़ुर्बानी को भुलाकर उसके क़ातिलों के साथ बैठे हुए हैं."
इमरान ने कहा, "मेरे ख़िलाफ़ साज़िश बाहर से की जा रही है, बाहर से हमारी विदेश नीति को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है. ये जो आज क़ातिल और मक़तूल इकट्ठा हो गए हैं, इन्हें इकट्ठा करने वालों का भी हमें पता है."
उन्होंने कहा, "मेरे ख़िलाफ़ साज़िश बाहर से हो रही है, मुझे हटाने के लिए बाहर का पैसा इस्तेमाल किया जा रहा है."
पाकिस्तान, क़तर के बाद चीन और रूस के नेताओं का काबुल दौरा, अफ़ग़ानिस्तान में आख़िर हो क्या रहा है?
पाकिस्तान में अविश्वास प्रस्ताव: इमरान ख़ान के लिए आने वाले दिन कितने मुश्किल?
इमरान ख़ान ने और क्या कहा
इमरान ख़ान ने अपने भाषण की शुरुआत में रैली में आने वाले लोगों और अपनी पार्टी के सांसदों का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा, "मैं जानता हूं कि तुम्हें पैसे देने और ख़रीदने की कोशिश हुई लेकिन आपने मुझे ख़ुश किया और मुझे आप पर गर्व है."
इमरान ने अपनी इस रैली का नाम अम्र बिन मारूफ़ रखा है जिसका मतलब होता है अच्छाई के साथ आओ.
इमरान ख़ान ने कहा, "मैं अपने दिल की बात रखना चाहता हूं और मैं चाहता हूं कि आप ख़ामोशी से मुझे सुने. मैंने आपको अच्छाई का साथ देने के लिए बुलाया है. हमारे पाकिस्तान की बुनियात इस्लामी कल्याणकारी राज्य की विचारधारा पर पड़ी थी. हमें अपने देश को रियासत-ए-मदीना के आधार पर बनाना है."
इमरान ख़ान ने कहा, "मुझसे लोग पूछते हैं कि आप दीन को सियासत के लिए क्यों इस्तेमाल करते हैं, तो मैं अपने दिल की बात कहूंगा कि आज से पच्चीस साल पहले जब मैंने अपनी पार्टी बनाई थी तो मैं सिर्फ़ इसलिए सियासत में आया तो मेरा एक मक़सद था कि मेरा मुल्क जिस नज़रिए के तहत बना था. जब तक हम अपने नज़रिए पर नहीं खड़े होंगे, हम एक राष्ट्र नहीं बन पाएंगे."
इमरान ख़ान ने कहा, "ब्रिटेन में फ्री मेडिकल इलाज मिलता है, फ्री शिक्षा मिलती है, बेरोज़गारों को फ़ायदे मिलते हैं और लोगों को फ्री क़ानूनी सलाह भी दी जाती है. हमारे पैगंबर ने रियासत-ए-मदीना में ऐसा ही निज़ाम बनाया था जहां राज्य लोगों का खयाल रखता था."
'पाकिस्तान की बदक़िस्मती'
इमरान ख़ान ने कहा, "ये सिर्फ़ पाकिस्तान की बदक़िस्मती नहीं है, बल्कि दुनिया के सभी विकासशील देशों की बदक़िस्मती है, कोई ग़रीब देश इसलिए ग़रीब नहीं होता कि उसके पास संसाधन नहीं है, बल्कि वो इसलिए ग़रीब होता है क्योंकि उसके ताक़तवर डाकुओं को क़ानून पकड़ नहीं पाता है. जो बड़े डाकू ग़रीब देशों से पैसा चुराते हैं वो विदेशों में महल बना लेते हैं. छोटा चोर देश को तबाह नहीं करता है बल्कि डाकू देश को तबाह करते हैं जिस तरह से ये तीन चूहे जो इकट्ठा हुए हैं, ये तीस साल से मुल्क को लूट रहे हैं. ये तीन चूहे तीस साल से देश का ख़ून चूस रहे हैं. इनकी विदेशी बैंकों में खाते हैं, इनका पैसा डॉलर में हैं."
नवाज़ शरीफ़ की बेटी मरियम नवाज़ शरीफ़ पर निशाना साधते हुए इमरान ख़ान ने कहा, "अगर मरियम बीबी जिसने ज़िंदगी में एक घंटे का काम नहीं किया, जिसको अभी चौदह साल में उर्दू ही बोलनी नहीं आई, वो नेता बनना चाहती है."
वहीं बिलावल भुट्टो पर निशाना साधते हुए इमरान ख़ान ने कहा, "बिलावल कहते हैं मैं लीडर बनना चाहता हूं, अरे आसिफ़ ज़रदारी उसे नेता बनने से पहले थोड़ा बड़ा होने देता था. वो हर दिन धमकी देता है कि नैब ने मुझे बुलाया तो मैं यो करूंगा, पूछो क्या करोगो तो कहता है मैं रो पड़ूंगा."
इमरान ख़ान ने कहा, "ये चूहे ये सारा ड्रामा इसलिए कर रहे हैं कि परवेज़ मुशर्रफ़ की तरह इमरान ख़ान भी डर जाए और इन्हें एनआरओ दे दे. ये चाहते हैं कि इनकी चोरी माफ़ हो जानी चाहिए. जनरल मुशर्रफ़ ने इनके दबाव में और अपनी सरकार बचाने के लिए इन चोरों को एनआरओ (राष्ट्रीय सुलह अध्यादेश) दिया जिसका बोझ हम आज तक उठा रहे हैं. हम इनके लिए हुए क़र्ज़ों की किश्ते अदा कर रहे हैं."
इमरान ख़ान ने कहा, "सरकार जाती है जाए, जान जाती है जाय, मैं कभी इनको माफ़ नहीं करूंगा."
अपने भाषण के दौरान इमरान ख़ान ने अपनी सरकार की साढ़े तीन साल की उपलब्धियों का भी ज़िक्र किया. उन्होंने कहा कि इस दौरान महामारी आई लेकिन उन्होंने देश को कमज़ोर नहीं होने दिया.
मीडिया रिपोर्टों में दावा किया जा रहा था कि इमरान ख़ान अपने भाषण के दौरान इस्तीफ़ा भी दे सकते हैं. लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा.
अपना भाषण ख़त्म करते हुए इमरान ख़ान ने कहा, "आप सबको मुझसे एक वादा करना है, कि आप, मेरी क़ौम कभी भी इज़ाज़त नहीं देंगे, किसी पाकिस्तान हुक्मरान को कि वो अपनी क़ौम को किसी के आगे झुकने दे. कभी आपको किसी हुक्मरान को किसी के आगे झुकने की इजाज़त नहीं देनी है. जैसा पाकिस्तान ने अमेरिका की जंग लड़कर किया, अस्सी हज़ार पाकिस्तानियों की क़ुर्बानी दिलवाई, हमारे क़बीलाई लोगों को ज़ुल्म का सामना करना पड़ा, पैंतीस लाख लोगों को घर छोड़ना पड़ा."
इमरान ख़ान की रैली के जवाब में विपक्षी दलों का गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट सोमवार को राजधानी में बड़ी रैली करने जा रहा है. माना जा रहा है कि दोनों ही पक्ष अपनी-अपनी ताक़त दिखा रहे हैं.
इसी बीच पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद ने कहा है कि अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली में 2 और 4 अप्रैल के बीच हो सकता है. (bbc.com)