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वो 'बटन' जिस पर टकरा सकते हैं एलन मस्क और पराग अग्रवाल
07-Apr-2022 7:47 PM
वो 'बटन' जिस पर टकरा सकते हैं एलन मस्क और पराग अग्रवाल

-जेन वेकफ़ील्ड

एलन मस्क ट्विटर पर बहुत सक्रिय रहते हैं, मगर ये दिलचस्प है कि ट्विटर के शेयरों का एक बड़ा हिस्सा ख़रीदने के बारे में उन्होंने कोई ट्वीट नहीं किया.

हो सकता है इसकी वजह ये रही हो कि उन्होंने ट्विटर के जो 9.2% शेयर ख़रीदे हैं उन्हें बहुत बड़ी बात न मानी जाए, मगर जो मस्क को जानते हैं, उन्हें ये उम्मीद एकदम नहीं होगी कि ये स्थिति बहुत लंबे समय तक बनी रहेगी.

मस्क ने ट्विटर को लेकर पहला क़दम बढ़ाया एक वोटिंग करवाकर. उन्होंने ट्विटर पर लोगों से पूछा कि क्या वो एडिट बटन चाहते हैं?

यानी उन्होंने पूछा कि क्या लोग ट्विटर पर ऐसी सुविधा चाहते हैं जिससे कि किसी ट्वीट को एडिट किया जा सके. अभी ट्विटर पर किसी ट्वीट में परिवर्तन करने की कोई व्यवस्था नहीं है. हालाँकि, किसी ट्वीट को डिलीट किया जा सकता है.

एडिट बटन की माँग बहुत लंबे समय से उठती रही है, और ये शायद एक ऐसी चीज़ है जिसकी उनको स्वयं ज़रूरत है.

वैसे इस घोषणा से किसी को हैरानी नहीं हुई कि मस्क ट्विटर के बोर्ड में शामिल होंगे.

ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल ने मंगलवार को एक ट्वीट में कह दिया था, "हाल के हफ़्तों में एलन से जो बातें हुईं, उनसे हमें साफ़ पता चल गया कि वो हमारे बोर्ड का मान बढ़ाएँगे."

उन्होंने साथ ही कहा कि बतौर "ट्विटर में जुनून के साथ भरोसा करने वाले और उसकी ज़ोरदार आलोचना" करने वाले एक शख्स होने के नाते, वो "बिलकुल वैसे हैं जिसकी हमें ज़रूरत है."

मस्क ने बाद में जवाब में लिखा, "मैं आने वाले महीनों में ट्विटर में बड़े सुधार करने के लिए पराग और ट्विटर के साथ काम करने को लेकर आशान्वित हूँ."

एलन मस्क ने ट्विटर में जो 9.2% की हिस्सेदारी ख़रीदी है, वो भले छोटी लगे, मगर एनालिस्ट कंपनी वेडबुश के विश्लेषक डैन आइव्स इसे बहुत बड़ी बात बताते हुए कहते हैं कि इस हिस्सेदारी का मतलब है कि उनके पास सात करोड़ 35 लाख शेयर आ गए हैं.

सोमवार को टेस्ला संस्थापक के कंपनी का सबसे बड़ा हिस्सेदार बनने की ख़बर के आने के बाद ट्विटर के शेयरों के भाव ऊपर चले गए. और इसका मतलब ये है कि मस्क की संपत्ति भी बढ़ गई है और उनके पास ट्विटर के जो शेयर हैं उनकी कीमत 3 अरब डॉलर के बराबर पहुँच गई है.

मस्क के पास जितने शेयर हैं वो ट्विटर के संस्थापक जैक डोर्सी के शेयरों से चार गुना ज़्यादा है. डोर्सी ने पिछले साल नवंबर में ट्विटर का सीईओ पद छोड़ दिया था जिसके बाद पराग अग्रवाल उनकी कुर्सी पर बैठे.

डैन आइव्स का मानना है कि दक्षिण अफ़्रीकी कारोबारी मस्क की नज़रें अब ट्विटर पर टिक गई हैं, और इस बड़ी हिस्सेदारी को हासिल करने के बाद अब वो कंपनी के प्रबंधन में सक्रिय भूमिका निभाने की कोशिश करेंगे.

उन्होंने कहा, उनका कंपनी में हिस्सेदारी को ख़रीदना ट्विटर के बोर्ड और मैनेजमेंट की चर्चाओं में हिस्सा लेने की बस शुरूआत है जिससे आख़िरकार वो ट्विटर में और अधिक पकड़ बनाएँगे और शायद ट्विटर में और आक्रामकता से मालिकाना भूमिका निभाने लगें."

ट्विटर के साथ मस्क का संबंध कभी प्यार-कभी नफ़रत वाला रहा है. वो ख़ूब ट्वीट करते हैं. उनके फ़ॉलोअर्स की संख्या 8 करोड़ है. और ट्विटर पर चर्चाओं को लेकर वो अक्सर विवाद में भी घिरते रहे हैं.

उनकी फ़ितरत जैसी है, उसके हिसाब से ट्विटर उनके मिजाज के अनुकूल बैठता है. जैसे पिछले साल उन्होंने ट्विटर पर पूछा कि क्या उन्हें अपनी इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला का 10% हिस्सा बेच देना चाहिए, जिसके बाद ट्विटर यूज़र्स ने कहा - हाँ. और इसके बाद नवंबर में मस्क ने अपने 5 अरब डॉलर के शेयर बेच डाले.

इसके कई महीने पहले मस्क ने 6 अरब डॉलर का चेक जारी करने की पेशकश की थी, बशर्ते संयुक्त राष्ट्र की संस्था वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम ये बता सके कि वो कैसे दुनिया में भूख के संकट को दूर करने के लिए इस पैसे का इस्तेमाल करेगा. उन्होंने ये पेशकश इस संस्था के प्रमुख की बात सुनने के बाद कही थी जिन्होंने इस बारे में अपना आकलन पेश किया था.

मगर ट्वीट करने की वजह से वो कई दफ़ा मुश्किल में भी फँसे. टेस्ला के शेयरों के बारे में 2018 की उनकी एक पोस्ट के बाद सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज कमीशन की ओर से एक जाँच शुरू हुई जिसके बाद ये समझौता हुआ कि कंपनी के वकीलों को उनके कुछ ट्वीट्स को पहले देखना होगा, उसके बाद ही उन्हें पोस्ट किया जा सकेगा. हालाँकि ये स्पष्ट नहीं है कि क्या वाकई ऐसा होता है.

ये दिलचस्प है, कि वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार मस्क ने सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज कमीशन को अपने ट्विटर शेयर के बारे में जो जानकारी दी है, उसमें सामान्यतः ये लाइन होनी चाहिए थी कि उनका कंपनी को प्रभावित करने का कोई इरादा नहीं है, मगर इस खाने में उन्होंने लिखा है - 'नॉट ऐप्लिकेबल'.

मस्क ने जिस समय ये शेयर ख़रीदे हैं, उससे भी सवाल उठ रहे हैं, और एक बार फिर वित्तीय बाज़ार की निगरानी करने वालों से उनका सामना हो सकता है.

उन्होंने ट्विटर में निवेश 14 मार्च को किया था, मगर इसकी घोषणा इस सप्ताह हुई. जबकि अमेरिकी बाज़ार के क़ानून के मुताबिक़ किसी भी कंपनी की 5% की हिस्सेदारी ख़रीदते ही इसकी जानकारी देना अनिवार्य है.

अभिव्यक्ति की आज़ादी
मस्क ट्विटर का इस्तेमाल अपनी कंपनियों की सेहत का अंदाज़ा देने के लिए ही नहीं करते, बल्कि वो देश की सेहत का अनुमान लगाने के लिए भी ट्वीट करते हैं.

पिछले महीने, उन्होंने सिक्योरिटीज़ कमीशन को अपने निवेश की जानकारी दी थी, मगर इसकी जानकारी सार्वजनिक होने से पहले उन्होंने यूज़र्स से पूछा कि क्या उन्हें लगता है कि लोकतंत्र के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता आवश्यक है, और क्या ट्विटर इस सिद्धांत का पालन करता है.

अमेरिका की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर अलेक्सांद्रा सिरोन को लगता है कि उनकी ये टिप्पणी इस बात का सबूत है कि वो ट्विटर में अपनी नई हिस्सेदारी का इस्तेमाल "ट्विटर के काम काज को प्रभावित करने के लिए" कर सकते हैं.

मगर कुछ दूसरे लोग हैं, जिन्हें इस घटना में कुछ दूसरे मुद्दे भी दिखाई देते हैं.

लॉ फ़र्म मोज़ेज़ एंड सिंगर में पार्टनर हॉवर्ड फ़िशर ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा कि अब चूँकि ट्विटर में उन्होंने हिस्सेदारी ख़रीद ली है, इन सवालों को बाज़ार में उलटफेर के तरीक़े के तौर पर भी देखा जा सकता है.

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि कमीशन इसमें और गहराई से देखना चाहेगा और वो डील को दर्ज कराने में नाकामी के साथ-साथ बाज़ार में उलटफेर के भी मामले दर्ज कर सकता है."

पराग अग्रवाल की नज़र उनके हर क़दम पर है. उन्होंने एडिट बटन को लेकर जो वोटिंग करवाई थी, उस पर अब तक 26 लाख जवाब आ चुके हैं, और इसके जवाब में उन्होंने यूज़र्स से आग्रह किया है कि वो "सावधानी" से वोट करें.

पराग ने कहा, "इस वोटिंग के नतीजे महत्वपूर्ण होंगे." उन्होंने ठीक वही शब्द कहे जिनका इस्तेमाल मस्क ने ट्विटर पर बोलने की आज़ादी को लेकर वोटिंग करवाते समय जारी किया था.

ट्वीट एडिट करने के विचार का जैक डोर्सी ने हमेशा से विरोध किया है, और इस ख़याल के आलोचक कहते हैं कि यदि ये सुविधा दे दी गई तो इससे लोग उन ट्वीट्स का अर्थ पूरी तरह से बदल सकते हैं.

ट्विटर के लिए एडिट बटन को शामिल करना एक बड़ा बदलाव हो सकता है, और ये स्पष्ट है कि एलन मस्क इसे लेकर होनेवाली चर्चाओं में शामिल रहना चाहते हैं.

वैसे पिछले महीने, कुछ समय के लिए ऐसा लगा कि एलन मस्कर ट्विटर के मुक़ाबले एक नया सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म खड़ा करना चाहते हैं, और इस मामले में उनके सामने ट्विटर पर एक और सक्रिय रहने वाले और विवादास्पद हस्ती का उदाहरण है.

पिछले साल जनवरी में अमेरिकी संसद में दंगे के बाद, डोनल्ड ट्रंप को ट्विटर से बैन कर दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने कुछ महीने पहले घोषणा की कि वो अपना अलग सोशल नेटवर्क तैयार करेंगे, जिसका नाम उन्होंने 'ट्रूथ सोशल' रखा, और कहा कि ये "बड़ी टेक कंपनी के अत्याचार का मुक़ाबला करेगी".

लेकिन लॉन्च होने के डेढ़ महीने बाद, इसके 15 लाख यूज़र्स इसका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं. न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के सेंटर फ़ॉर सोशल मीडिया एंड पॉलिटिक्स के निदेशक जोशुआ टकर ने इस प्लेटफ़ॉर्म को एक बहुत बड़ी नाकामी क़रार दिया है.

रॉयटर्स के अनुसार, लॉन्च के बाद कंपनी के दो बड़े अधिकारी साथ छोड़ चुके हैं.

वो लोग जिन्होंने मस्क की दूसरी कंपनियों - स्पेस एक्स, टेस्ला, न्यूरालिंक, द बोरिंग कंपनी- के शेयर लिए हुए हैं, उन्होंने इस बात से राहत की साँस ली होगी कि मस्क ने ट्रंप की राह नहीं चुनी.

मगर इसके साथ ही ये भी चिंताएँ जन्म ले रही होंगी कि इस बड़े प्रोजेक्ट की वजह से उनका ध्यान उनकी दूसरी कंपनियों के व्यवसायों से हट सकता है.

सोशल मीडिया जानकार केसी न्यूटन ध्यान दिलाते हैं कि ये पहली बार नहीं है जब किसी बड़ी टेक कंपनी ने ट्विटर की ओर देखा है. इससे पहले माइक्रोसॉफ़्ट के सीईओ स्टीव बामर ने भी एक बार कंपनी के 4 प्रतिशत शेयर ख़रीदे थे, मगर उनका कुछ नहीं किया.

मगर वो कहते हैं कि बामर ने कभी भी मस्क की तरह कोई ट्वीट किया.

और अब इस बात की पूरी संभावना है कि मस्क इसी ट्विटर अकाउंट से दुनिया को बताएँगे कि उनका अगला इरादा क्या है. (bbc.com)

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