अंतरराष्ट्रीय

इमरान ने फिर कहा आख़िरी गेंद तक खेलेंगे, आज करेंगे अहम फ़ैसले
08-Apr-2022 8:31 AM
इमरान ने फिर कहा आख़िरी गेंद तक खेलेंगे, आज करेंगे अहम फ़ैसले

-सना आसिफ़

पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आने के बाद इमरान ख़ान ने गुरुवार देर शाम ट्वीट करके एलान किया है कि वे शुक्रवार को पाकिस्तान की अवाम को संबोधित करेंगे.

इमरान ख़ान ने लिखा है, "मैंने कल कैबिनेट की बैठक बुलाई है. इसके साथ ही संसदीय दल की बैठक भी बुलाई है. और मैं कल देश को संबोधित भी करूंगा. देश के लिए मेरा संदेश ये है कि मैं हमेशा से पाकिस्तान के लिए संघर्ष करता रहा हूं. और आख़िरी बॉल तक संघर्ष करूंगा."

इससे पहले चीफ़ जस्टिस उमर अता बांदियाल की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने संसद के डिप्टी स्पीकर के फ़ैसले को असंवैधानिक बताते हुए संसद को बहाल करने का फ़ैसला सुनाया और कहा है कि 9 अप्रैल को सदन की बैठक बुलाई जाए.

तीन अप्रैल को प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को डिप्टी स्पीकर ने बाहरी साजिश करार देते हुए संविधान के आर्टिकल 5 के तहत रद्द कर दिया था.

उसके बाद इमरान ख़ान की सलाह पर पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ़ अल्वी ने संसद भंग कर दी थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया था.

पाकिस्तान में चुनाव और संसदीय मामलों पर नज़र रखने वाले संगठन पीएलडीएटी के प्रमुख अहमद बिलाल महबूब का कहना है कि हुकूमत अब अधिक से अधिक सुप्रीम कोर्ट से इस मामले पर फिर से विचार करने का आग्रह कर सकती है. लेकिन अगर इतिहास पर नज़र डालें तो ऐसी दरख़्वास्तों के बाद भी चीज़ें बदलने की कोई उम्मीद नज़र नहीं आती है.

मगर सवाल उठता है कि इस फ़ैसले का पाकिस्तान शासन और उसकी राजनीति पर क्या असर हो सकता है. संविधान के जानकार सलमान अकरम राजा के मुताबिक अगर डिप्टी स्पीकर के फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट दुरुस्त करार दे देता तो पूरे संसद पर स्पीकर हावी हो जाते.

स्पीकर तानाशाह बन जाते और पूरी संसदीय व्यवस्था और संसद का वजूद बेमानी हो जाता.

अगर स्पीकर का यह फ़ैसला मान लिया जाता कि वो संसद को वोटिंग से रोक सकते हैं तो यह एक संवैधानिक हादसे जैसा हो जाता जिसका नुकसान संवैधानिक व्यवस्था को उठाना पड़ता.

सलमान अकरम राजा के मुताबिक इस फ़ैसले के बाद न केवल संसद बहाल हो जाएगी बल्कि संसद में मामला दोबारा वहीं से शुरू होगा जहां से इस गड़बड़ी की शुरुआत हुई थी.

हालांकि, इस बात की उम्मीद बहुत कम है लेकिन अगर इमरान के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव कामयाब नहीं होता तो वो प्रधानमंत्री बने रहेंगे और फिर ये उनका ही फ़ैसला होगा कि वो संसद को भंग करें या अपनी हुकूमत के डेढ़ साल की मुद्दत पूरी करें.

सलमान अकरम राजा के मुताबिक अगर विपक्ष कामयाब हो जाती है तो इमरान ख़ान प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे. सदन एक नए प्रधानमंत्री को देखेगी.

याद रहे कि विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री के उम्मीदवार पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) के शाहबाज शरीफ़ हैं.

सलमान अकरम राजा के मुताबिक अविश्वास प्रस्ताव पर कामयाबी की स्थिति में चुने जाने वाले नए प्रधानमंत्री कोई कार्यवाहक प्रधानमंत्री नहीं होंगे बल्कि उनके पास पूरा अधिकार होगा कि वो असेंबली की बची हुई अवधि तक प्रधानमंत्री रह सकते हैं.

यह अलग बात है कि वो संसद को भंग कर दें और जल्द ही चुनाव का एलान कर दें. (bbc.com)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news