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काले सागर में डूबा रूसी युद्धपोत मोस्कवा, यूक्रेन का दावा- हमने दागी थी मिसाइल
15-Apr-2022 10:33 AM
काले सागर में डूबा रूसी युद्धपोत मोस्कवा, यूक्रेन का दावा- हमने दागी थी मिसाइल

इमेज स्रोत,MAX DELANY/AFP

रूस के रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि बुधवार को हुए एक विस्फोट में क्षतिग्रस्त हुआ उसका युद्धपोत 'मोस्कवा' डूब गया है.

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, काला सागर में रूसी बेड़े के प्रमुख जंगी जहाज 'मोस्कवा' को नुक़सान पहुंचने के बाद खींचकर बंदरगाह ले जाया जा रहा था, लेकिन समुद्री उफान के चलते यह डूब गया.

510 चालक दल वाला ये मिसाइल क्रूज़र रूस की सैन्य शक्ति का अहम प्रतीक था. यूक्रेन के ख़िलाफ़ समुद्र के रास्ते हमले का नेतृत्व यही युद्धपोत नेतृत्व कर रहा था.

यूक्रेन ने दावा किया कि उसकी मिसाइलों ने इस युद्धपोत पर अपनी दो 'नेप्च्यून' मिसाइलों से हमला किया था. हालांकि रूस ने ऐसे किसी हमले की जानकारी नहीं दी. उसने केवल इतना कहा है कि आग लगने के बाद ये जहाज डूब गया.

रूस के अनुसार, आग लगने के चलते इस जंगी जहाज पर रखे गोला-बारूदों में विस्फोट हो गया था. उसने यह भी बताया है कि मोस्कवा के पूरे चालक दल को विस्फोट होने के बाद वहां से निकाला गया. चालक दल को काला सागर में ही मौजूद अन्य रूसी जहाजों में ले जाया गया. रूस ने इससे ज़्यादा और कोई जानकारी नहीं दी है.

रूस-यूक्रेन संघर्ष को लगभग दो महीने हो चुके हैं. इस दौरान यूक्रेन लगातार दावा करता रहा है कि उसने रूस के हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया है. लेकिन इस युद्धपोत का दुर्घटनाग्रस्त होना इस युद्ध की बहुत बड़ी ख़बर है.

रूस के लिए ये एक बहुत बड़ा झटका है. सैन्य-स्तर पर तो यह बड़ी क्षति है ही, मनोबल के लिहाज़ से ये बहुत बड़ा झटका है.

रूस के सरकारी मीडिया ने पहले बताया था ​कि यह जंगी जहाज धमाके के बाद तैर रहा था. हालांकि गुरुवार देर रात उसने बताया कि जहाज़ डूब गया है.

सरकारी न्यूज़ एजेंसी 'तास' ने रूस के रक्षा मंत्रालय के हवाले से कहा, "बंदरगाह तक ले जाने के दौरान इस जहाज ने अपना संतुलन खो दिया. समुद्र के उफान के बीच यह डूब गया."

रूस के रक्षा मंत्रालय ने इससे पहले एक बयान जारी करके कहा था कि यह युद्धपोत बहुत बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है. हालांकि बयान में यह भी स्पष्ट किया गया कि पूरे चालक दल को सुरक्षित निकाल लिया गया है.

गुरुवार दोपहर को रूस के रक्षा मंत्रालय की ओर से बयान जारी करते हुए कहा गया कि युद्धपोत पर विस्फ़ोट से भड़की आग पर काबू कर लिया गया है और इसे वापस बंदरगाह ले जाया जाएगा.

मॉस्को की ओर से जारी बयान में कहा गया कि युद्धपोत पर हुए विस्फ़ोट के पीछे कोई मिसाइल हमला वजह नहीं थी. रूस के अनुसार, इसके पीछे 'आग' हो सकती है. हालांकि यह आग कैसे लगी, वो स्पष्ट नहीं है.

लेकिन यूक्रेन का दावा है कि उसके मिसाइल हमलों की ही वजह से रूस का युद्धपोत बर्बाद हुआ. यूक्रेनी सैन्य अधिकारियों ने बताया कि मोस्कवा पर उन्होंने यूक्रेन में ही बने दो 'नेप्च्यून' मिसाइलों से हमला किया. 2014 में क्राइमिया पर रूस के क़ब्ज़े के बाद ये मिसाइल तैयार की गई थी.

एक फ़ेसबुक पोस्ट में यूक्रेन के अधिकारियों ने कहा है कि युद्धपोत पर हो रहे विस्फ़ोट और ख़राब मौसम के कारण युद्धपोत के चालक दल के सदस्यों को वहां से निकालने में काफ़ी मुश्किलें हुई.

हालांकि बीबीसी यूक्रेन के दावों की पुष्टि नहीं करता.

रूस ने यूक्रेन पर 24 फरवरी को जब हमला किया, तो उसी दिन मोस्कवा चर्चा में आ गया था. उसने काला सागर स्थित 'स्नेक' द्वीप की रक्षा में लगे यूक्रेनी सैनिकों के छोटे से दल को सरेंडर करने को बोला था. हालांकि उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया था.

यह युद्धपोत मूलत: सोवियत संघ के जमाने में बना और इसने अस्सी के दशक में अपने मिशन की शुरुआत की थी. यह साल 2000 से ही काले सागर में रूस का प्रतिनिधित्व कर रहा है.

2014 में क्राइमिया को कब्ज़े में लेने के बाद से ही काले सागर में रूसी सेना का दबदबा रहा है. काले सागर में रूस के नौसेना बेड़े हमेशा ही प्रभावी रहे हैं.

मौजूदा संघर्ष के दौरान भी काले सागर में मौजूद इस बेड़े से यूक्रेन में कहीं भी मिसाइल दागी जा सकती है. इसके साथ ही मारियुपोल को अपने क़ब्ज़े में लेने के प्रयासों में भी इन नौसेना बेड़ों का काफी महत्व रहा है.

यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध में मोस्कवा को यूक्रेन के दक्षिणी शहर 'मायकोलाइव' के पास तैनात किया गया था. मालूम हो कि इस शहर में रूस ने हाल में भारी बमबारी की है.

रूस ने इस युद्धपोत को इससे पहले सीरिया के संघर्ष में तैनात किया था. वहां इसने सीरिया में मौजूद रूसी सेना को नौसैनिक सुरक्षा प्रदान की थी.

दावा किया जाता है कि इस युद्धपोत पर कथित तौर पर 16 वल्कन एंटी-शिप मिसाइलों के अलावा कई एंटी-सबमरीन और माइन-टॉरपीडो जैसे हथियार भी मौजूद थे.

ये भी कहा जा रहा है कि यदि इस युद्धपोत पर यूक्रेन के हमले की पुष्टि हो सकी तो दूसरे विश्व युद्ध के बाद दुश्मन के हमले के बाद डूबने वाला यह सबसे बड़ा जंगी जहाज होगा. इस युद्धपोत का वज़न 12,490 टन बताया जाता है.

मालूम हो कि यूक्रेन पर हमले के बाद रूस ने अपना यह दूसरा बड़ा जहाज खोया है. इससे पहले मार्च में यूक्रेन के हमले से 'सेराटोव' लैंडिंग जहाज बर्दियांस्क के बंदरगाह में बर्बाद हो गया था.

नेप्च्यून मिसाइलों की ख़ासियत
यूक्रेन का दावा है कि उसके दो नेप्च्यून मिसाइलों ने रूस के प्रमुख युद्धपोत को निशाना बनाया है.

साल 2014 में क्राइमिया पर क़ब्ज़ा करने के बाद काले सागर में रूस के बढ़ते नौसैनिक ख़तरे के जवाब में कीएव के सैन्य इंजीनियरों ने इस मिसाइल सिस्टम को तैयार किया था.

कीएव पोस्ट के अनुसार, पिछले साल के मार्च में यूक्रेन की नौसेना को 300 किमी रेंज पर निशाना लगाने वाली नेप्च्यून मिसाइलों की पहली खेप मिली थी.

रूस के हमले के बाद यूक्रेन को पश्चिमी देशों से पर्याप्त सैन्य मदद और हथियार मिल रही है. इस सहायता में 10 करोड़ डॉलर के एंटी-एयरक्राफ़्ट और एंटी टैंक मिसाइलें भी शामिल हैं. ब्रिटेन ने पिछले सप्ताह ही घोषणा की थी वो ये सारी सहायता भेज रहा है.

स्नेक आईलैंड
रूस के यूक्रेन पर हमला करते ही मोस्कवा चर्चा में आ गया था, तब उसने काला सागर स्थित स्नेक द्वीप की रक्षा में तैनात यूक्रेन के सैनिकों को आत्मसमर्पण के लिए कहा. लेकिन यूक्रेन के सैनिकों ने आत्मसमर्पण करने से मना कर दिया था.

उसके बाद बताया गया था कि इस युद्धपोत ने उन सैनिकों को मार डाला. हालांकि सैनिकों को बंदी बना लिया गया था. बाद में उन सैनिकों को मार्च के अंत में क़ैदियों की अदला-बदली होने पर रिहा कर दिया गया था.

यूक्रेन ने उन सैनिकों के कमांडर को सम्मानित भी किया था. कमांडर और उनके सैनिकों की बहादुरी के क़िस्सों ने शायद यूक्रेन के लोगों और सैनिकों का मनोबल बढ़ाने में मदद की हो.

वैसे वो घटना कितनी अहम थी, उसे ऐसे समझा जा सकता है कि यूक्रेन की डाक सेवा ने उस घटना की याद में ख़ास डाक टिकट भी जारी किया. (bbc.com)

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