अंतरराष्ट्रीय
यरुशलम में अल-अक़्सा मस्जिद कंपाउंड में इसराइली सुरक्षाबलों के फ़लस्तीनियों पर की गई कार्रवाई की सऊदी अरब ने निंदा की है.
सऊदी अरब विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया है जिसमें लिखा है, “नियमित हमलों की वृद्धि अल-अक़्सा मस्जिद की पवित्रता और इस्लामी राष्ट्र के दिलों पर हमला है.”
रमज़ान के पवित्र महीने में शुक्रवार को नमाज़ के लिए फ़लस्तीनी इकट्ठा हुए थे जिस दौरान इसराइली पुलिस और उनके बीच झड़पें शुरू हो गईं.
इसराइल का आरोप है कि कंपाउंड में फ़लस्तीनियों ने फ़लस्तीन और हमास के झंडों के अलावा पत्थर इकट्ठा कर रखे थे. वहीं फ़लस्तीनियों का कहना है कि उन पर नमाज़ के दौरान हमला किया गया था.
फ़लस्तीनी अधिकारियों ने कहा है कि इस झड़प में तक़रीबन 150 फ़लस्तीनी घायल हुए हैं.
जॉर्डन और यूएई ने भी की निंदा
मस्जिद में घुसकर पुलिस की कार्रवाई करने की जॉर्डन और यूएई ने भी निंदा की है.
सऊदी अरब ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मांग की है कि वो इसराइली सुरक्षाबलों को फ़लस्तीनियों, उनकी ज़मीन और उनके पवित्र स्थलों पर लगातार हमलों के लिए उसे जवाबदेह ठहराएं.
साथ ही सऊदी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि मध्य पूर्व में शांति के प्रयासों को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है.
बीते साल रमज़ान महीने के दौरान ऐसी ही हिंसा हुई थी जिसके बाद हमास और इसराइल के बीच साल का सबसे लंबा संघर्ष शुरू हो गया था. 11 दिनों तक चले युद्ध के बाद मिस्र, जॉर्डन और अमेरिका की मध्यस्थता के बाद यह संघर्ष रुका था. (bbc.com)