अंतरराष्ट्रीय
इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के महासचिव ने स्वीडन में पवित्र क़ुरान की प्रति जलाए जाने की आलोचना की है. ओआईसी का कहना है कि ऐसी घटनाएँ स्वीडन के लिंकोपिंग, नॉरकोपिंग और अन्य शहरों में हो रही हैं. ओआईसी के महासचिव का कहना है कि स्वीडन में धुर दक्षिणपंथी गुटों की ये कार्रवाई इस्लामोफ़ोबिया के बारे में फैलाई जा रही धारणा के बारे में मुस्लिम जगत की चिंता को और पुष्ट किया है.
उन्होंने कहा कि ये घटना आयोजकों की नस्लवादी और द्वेषपूर्ण मानसिकता की स्पष्ट अभिव्यक्ति है और उनकी कार्रवाई सभ्य समाज के सभी स्वीकृत मानदंडों और मूल्यों के ख़िलाफ़ है. हालाँकि ओआईसी के महासचिव ने इस बात को दोहराया कि ऐसी भड़काने वाली घटना स्वीडन और अन्य यूरोपीय देशों में बहुमत के विचारों को प्रदर्शित नहीं करती है. इस बीच स्वीडन में धुर दक्षिणपंथी गुटों की क़ुरान जलाने की योजना को लेकर हिंसक झड़प हुई है. पुलिस और नाराज़ लोगों के बीच हुई झड़प में 40 से अधिक लोग गिरफ़्तार हुए हैं. ओआईसी के अलावा कई देशों ने स्वीडन में हुई इस घटना की कड़ी आलोचना की है. (bbc.com)