अंतरराष्ट्रीय
ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ़ वू ने सोमवार को कहा कि इस महीने होने वाली विश्व स्वास्थ्य संगठन की बैठक के लिए निमंत्रण पाना ताइवान के लिए बेहद मुश्किल होगा. लेकिन हम कोशिश कर रहे हैं.
ये जानकारी समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने दी है.
ताइवान को कई वैश्विक संस्थाओं ने अलग-थलग रखा है क्योंकि चीन ताइवान को अपना हिस्सा बताता है और वह अपनी कूटनीति के तहत ताइवान को अलग राष्ट्र के तौर पर मान्यता देने से अन्य देश और संस्थाओं को रोकता है.
ताइवान ने शिकायत की है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से बैठक में शामिल ना किए जाने से कोविड-19 महामारी से लड़ने के देश के प्रयासों में रुकावट पैदा हो रही है.
ताइवान ने साल 2009 से 2016 के दौरान हुई विश्व स्वास्थ्य संगठन में बतौर पर्यवेक्षक के रूप में भाग लिया था.
लेकिन साई इंग-वेन के ताइवान का राष्ट्रपति चुने जाने के बाद चीन ने ताइवान की भागीदारी को रोक दिया. चीन साई इंग-वेन को एक अलगाववादी नेता मानता है.
संसद में सवालों का जवाब देते हुए वू ने कहा, “वो लगातार विश्व स्वास्थ्य संगठन पर आमंत्रण पाने की कोशिश कर रहे हैं. ये बेहद मुश्किल लग रहा है लेकिन ताइवान पूरी सक्रियता के साथ इसके लिए प्रयास कर रहा है.” (bbc.com)