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श्रीलंका: महिंदा राजपक्षे पर भड़के संगकारा, प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के पैतृक घर में लगाई आग
10-May-2022 12:27 PM
श्रीलंका: महिंदा राजपक्षे पर भड़के संगकारा, प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के पैतृक घर में लगाई आग

आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में सरकार विरोधी प्रदर्शन हिंसक हो गया है. सत्ताधारी पार्टी के 15 से अधिक सदस्यों के घरों और दफ़्तरों को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया जिसमें राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे का पैतृक घर भी शामिल है.

राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने हिंसा बढ़ती देख बीती रात से दो दिनों के कर्फ़्यू का एलान किया है. वहीं, सेना और पुलिस प्रधानमंत्री के सरकारी आवास को घेरे भीड़ से निपटने में लगी रही. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवाई फ़ायरिंग भी करनी पड़ी.

देशभर में फैली हिंसा के दौरान हुई गोलीबारी में एक मौजूदा सांसद सहित कुल पाँच लोगों की जान चली गई.

इस बीच श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. हिंसक झड़पों में 190 से अधिक लोगों के घायल होने की भी ख़बर है.

श्रीलंका में बीते महीने से ही बढ़ती महंगाई और बिजली कटौती की वजह से प्रदर्शन हो रहे हैं.

कैसे भड़की हिंसा
श्रीलंका की मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महिंदा राजपक्षे ने अपने सरकारी आवास टेंपल ट्रीज़ में दिए संबोधन में कहा कि वो किसी चुनौती से नहीं डरते.

इसके बाद उनके समर्थक सड़कों पर उतर आए और टेंपल ट्रीज़ को घेरे प्रदर्शनकारियों पर हमले शुरू कर दिए. पुलिस ने भी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई ख़ास प्रयास नहीं किया.

इसके बाद ये भीड़ गैले फेस ग्रीन की ओर बढ़ने लगी जहाँ क़रीब एक महीने से शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे हैं.

यहाँ पर प्रदर्शनकारियों और राजपक्षे के समर्थकों के बीच भीषण झड़प हुई. पुलिस ने आँसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछारें की ताकि भीड़ को हटाया जा सके.

गैले फेस से शुरू हुई हिंसा कुछ ही समय में देश के अन्य हिस्सों तक फैल गई और अपने घरों की ओर वापसी कर रहे महिंदा राजपक्षे के समर्थकों की बसों पर हमले हुए. सत्ताधारी पार्टी के राजनेताओं से जुड़ी संपत्तियों के साथ तोड़फोड़ की गई और कुछ को आग के हवाले कर दिया गया.

राजपक्षे परिवार के हंबनटोटा स्थित पैतृक घर और कुरुनेगला में महिंदा राजपक्षे के घरों में भी आग लगा दी गई. इसके बाद राष्ट्रपति कार्यालय ने कर्फ्यू की घोषणा की.

76 वर्षीय प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने अपने छोटे भाई और राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को इस्तीफ़ा सौंप दिया है. महिंदा राजपक्षे ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि इससे संकट से निपटने में मदद होगी. हालांकि, इस इस्तीफे से विपक्षी दल शायद ही संतुष्ट होंगे क्योंकि गोटाबाटा राजपक्षे अभी भी सत्ता में बने हुए हैं.

आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में प्रधानमंत्री पद से महिंदा राजपक्षे का इस्तीफ़ा कोई अचानक नहीं आया है. इसके कयास काफ़ी पहले से ही लगाए जा रहे थे. बीबीसी संवाददाता रजनी वैद्यानथन की रिपोर्ट के अनुसार सूत्रों ने ये बताया है कि राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने ही महिंदा राजपक्षे से इस्तीफ़ा देने को कहा था.

समाचार एजेंसी एएफ़पी के अनुसार सोमवार रात प्रधानमंत्री आवास के अंदर प्रदर्शनकारियों को घुसने से रोकने के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी.

समाचार एजेंसी एएफ़पी के अनुसार, प्रधानमंत्री ने चिट्ठी में कहा है कि उनका इस्तीफ़ा सभी विपक्षी पार्टियों को देश को मौजूदा आर्थिक संकट से निकालने के लिए दिशा देंगी.

हालांकि, विपक्षी पार्टियों ने अभी तक सरकार गठन से इनकार किया है और वे राष्ट्रपति से पद छोड़ने की मांग कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने के बाद महिंदा राजपक्षे ने एक ट्वीट में लोगों से शांति और संयम बरतने की अपील की. हालांकि, ये ट्वीट करके वो पूर्व श्रीलंकाई क्रिकेटर कुमार संगकारा के निशाने पर आ गए.

संगकारा ने राजपक्षे के ट्वीट को कोट करते हुए लिखा, "सिर्फ़ आपके समर्थकों, गुंडों और ठगों ने हिंसा को अंजाम दिया था, जो शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हमला करने से पहले आपके दफ़्तर में आए थे."

जान बचाने के लिए भीड़ पर सांसदों ने चलाई गोली
पुलिस ने बताया कि राजधानी कोलंबो के पास नित्तमबुवा शहर में हज़ारों प्रदर्शनाकियों ने सत्ताधारी पार्टी के एक सांसद की गाड़ी को घेर लिया. इसके बाद सांसद ने गोली चला दी, जिससे एक शख्स की मौत हो गई. हालांकि, बाद में ये सांसद ख़ुद भी मृत पाए गए और उनके बॉडीगार्ड भी.

एक अन्य सांसद ने देश के दक्षिणी हिस्से में स्थित वीराकेतिया शहर में अपने घर में घुसे प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई. इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए.

श्रीलंका में अप्रैल में प्रदर्शन शुरू हुआ था. हालांकि, अभी तक प्रदर्शनकारी गैले फेस ग्रीन स्थिति राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के कार्यालय के बाहर शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे और उनके इस्तीफ़े की मांग कर रहे थे.

श्रीलंका में आसमान छूती महंगाई की वजह से जनता परेशान है. श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार खत्म हो गया है और अब वो भोजन, दवाई और ईंधन जैसी ज़रूरी चीज़ें आयात करने में भी अक्षम है.

सरकार ने अपने पड़ोसी देशों और अंतरराष्ट्रीय वित्त संस्थाओं से आपातकालीन मदद मांगी है. सरकार का दावा है कि कोरोना महामारी की वजह से देश की माली हालत खराब हुई क्योंकि कोरोना की वजह से श्रीलंका का पर्यटन क्षेत्र ठप पड़ गया, जहां से उसके विदेशी मुद्रा भंडार का बड़ा हिस्सा आता है. (bbc.com)

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