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जिम्नास्ट अरुणा के आरोपों की जांच के लिए साइ ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया
27-May-2022 4:19 PM
जिम्नास्ट अरुणा के आरोपों की जांच के लिए साइ ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया

नयी दिल्ली, 27 मई। भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) ने जिम्नास्ट अरुणा बुद्ध रेड्डी के वीडियोग्राफी के आरोपों की जांच के लिए शुक्रवार को कार्यकारी निदेशक (टीम) राधिका श्रीमन की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया।

अरुणा का आरोप है कि मार्च के महीने में आयोजित एक शारीरिक फिटनेस परीक्षण के दौरान उनकी सहमति के बिना उनकी वीडियोग्राफी की गयी।

जांच समिति में राधिका के अलावा कोच कमलेश तिवाना और उप निदेशक (संचालन) कैलाश मीणा भी शामिल हैं।

अरुणा ने कोच रोहित जायसवाल के खिलाफ आरोप लगाए थे, जिन्हें पहले भारतीय जिम्नास्टिक महासंघ (जीएफआई) ने क्लीन चिट दे दी थी।

भारत की इस अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी ने जीएफआई के खिलाफ कानूनी कदम उठाने की धमकी दी जिसके बाद साइ ने मामले की जांच की जिम्मेदारी उठायी।

समिति दोनों पक्षों के बयान दर्ज करेगी और अगले सप्ताह तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

साइ को आरोपी कोच जायसवाल से पहले ही रिपोर्ट मिल चुकी है।

साइ के एक अधिकारी ने पीटीआई से कहा, ‘‘ यह मामला आज सुबह सामने आया। हम पहले ही आरोपी कोच से रिपोर्ट मांग चुके हैं’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने मामले की जांच और सच्चाई सामने लाने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। समिति को अपना निष्कर्ष दाखिल करने के लिए अगले सप्ताह तक का समय दिया गया है।’’

जीएफआई के अध्यक्ष सुधीर मित्तल ने दावा किया कि इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित फिटनेस परीक्षण के दौरान ऐसी कोई रिकॉर्डिंग नहीं की गई थी।

उन्होंने पीटीआई को बताया, ‘‘ मैंने पाटिल (डॉ मनोज पाटिल) और जायसवाल (साइ कोच रोहित जायसवाल) से बात नहीं की है, लेकिन मैंने मामले की सच्चाई जानने के लिए मुख्य कोच द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता नंदी (बिशेश्वर नंदी) सहित तकनीकी समिति के सदस्यों के साथ बात की है। उनके अनुसार परीक्षण के दौरान ऐसी कोई रिकॉर्डिंग नहीं की गई थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ अब मामला साइ के पास है। अब इस मामले पर फैसला साइ को करना है।’’

मेलबर्न में विश्व चैंपियनशिप (2018) में महिला वॉल्ट स्पर्धा में कांस्य पदक विजेता अरुणा ने आरोप लगाया कि यह  31 मार्च से चार अप्रैल तक होने वाले बाकू विश्व कप से पहले फिटनेस जांच के दौरान यह घटना घटी।

साइ के अधिकारी ने कहा कि इस तरह की घटना के प्रति संगठन की शून्य सहिष्णुता नीति है।

अधिकारी ने कहा, ‘‘ एक संगठन के रूप में, हम इस तरह की घटना के प्रति शून्य सहिष्णुता रखते हैं और आरोपी के दोषी साबित होने पर ऐसी कार्रवाई करेंगे जो आगे के लिए उदाहरण बन सके।

साइ ने कहा कि यह परीक्षण जीएफआई द्वारा गठित एक समिति की उपस्थिति में किया गया था। (भाषा)

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