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पैगंबर पर विवादित टिप्पणी: नहीं थम रहा मुस्लिम देशों का गुस्सा
07-Jun-2022 4:43 PM
पैगंबर पर विवादित टिप्पणी: नहीं थम रहा मुस्लिम देशों का गुस्सा

पैगंबर मोहम्मद के बारे में भारत की सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी के दो नेताओं की अपमानजनक टिप्पणियों के खिलाफ वैश्विक निंदा बढ़ रही है. इसने राजनयिक मोर्चे पर भारत के लिए गंभीर मुश्किलें खड़ी कर दी हैं.

   डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-

नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी पर भारत सरकार की तमाम राजनयिक कोशिशों के बावजूद मुस्लिम देशों का गुस्सा थमता नहीं दिख रहा है. कई देशों की सरकारों ने नूपुर शर्मा के बयान को लेकर आपत्ति दर्ज कराई है.

भारत सरकार मामले को संभालने की कोशिश में कह चुकी है कि यह किसी भी तरह से भारत सरकार के विचार को नहीं दर्शाती है और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा चुकी है.

बीजेपी की नेता रही नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी का विरोध सबसे पहले कतर और कुवैत ने दर्ज कराया था. इसके बाद सऊदी अरब, ईरान, बहरीन, पाकिस्तान, अफगानिस्तान की तालिबान सरकार, जॉर्डन, ओमान, मालदीव ने भी सोमवार को विवादित टिप्पणी निंदा की.

विवादित टिप्पणी को लेकर कम से कम 15 देशों ने भारत के सामने अपना विरोध दर्ज कराया है. इनके अलावा मुस्लिम देशों के संगठन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) ने भी नाराजगी जाहिर की है.

विश्लेषकों का कहना है कि पैगंबर का अपमान करने और कुछ देशों में भारतीय उत्पादों के बहिष्कार के लिए भारत के खिलाफ दुनिया भर में हो रही प्रतिक्रिया के बाद भारत की आंखें खुलनी चाहिए. भारत को यह समझना चाहिए कि विभाजनकारी राजनीति के अंतरराष्ट्रीय निहितार्थ हैं.
सोशल मीडिया पर भी आलोचना

अरब देशों में लोग नूपुर शर्मा और दिल्ली बीजेपी के मीडिया सेल के प्रमुख रहे नवीन कुमार जिंदल द्वारा दिए गए विवादित टिप्पणी को लेकर अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक कुछ अरब देशों में भारतीय उत्पाद के बहिष्कार का अभियान चलाया जा रहा है.

दूसरी ओर यूएन महासचिव अंटोनियो गुटेरेश के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने इस मुद्दे से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा है अंतरराष्ट्रीय संगठन "सभी धर्मों के लिए सम्मान और सहिष्णुता को दृढ़ता से प्रोत्साहित करता है." पाकिस्तान के एक पत्रकार ने बीजेपी नेताओं द्वारा विवादित टिप्पणी पर महासचिव की प्रतिक्रिया पूछी थी.

डुजारिक ने कहा, "मैंने रिपोर्टें देखी हैं. मैंने खुद टिप्पणी नहीं सुनी है. लेकिन इसके बावजूद मैं आपको बता सकता हूं कि हम सभी धर्मों के लिए सम्मान और सहिष्णुता को दृढ़ता से प्रोत्साहित करते हैं."

भारतीय जनता पार्टी ने रविवार तक उन दोनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी. कतर और कुवैत की तरफ से भारतीय राजदूतों को बुलाकर विरोध जताने के बाद बीजेपी ने आनन फानन में बयान जारी कर दोनों पर कार्रवाई करने का ऐलान किया. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने एक बयान जारी कर कहा था कि बीजेपी सभी धर्मों का सम्मान करती है.

पार्टी से निलंबित होने के बाद नूपुर शर्मा ने एक बयान जारी कर कहा था कि अगर उनके बयान से किसी को तकलीफ पहुंची हो या किसी के धार्मिक भावनाओं को आहत की हो तो मैं अपने बयान को बिना शर्त वापस लेती हूं. इस बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने ओआईसी और पाकिस्तान की आलोचना को "अनावश्यक और संकीर्ण सोच" बताया है.

दूसरी ओर नूपुर शर्मा ने दिल्ली पुलिस से जान से मारने की धमकी मिलने की शिकायत की थी जिसके बाद अब पुलिस ने उनकी और उनके परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी है. पुलिस नूपुर शर्मा की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच कर रही है. (dw.com)
 

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