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हमारे राजनेताओं ने देश का बेड़ागर्क किया, श्रीलंका में लोकतंत्र की वापसी जरूरी : सनत जयसूर्या
13-Jul-2022 8:11 PM
हमारे राजनेताओं ने देश का बेड़ागर्क किया, श्रीलंका में लोकतंत्र की वापसी जरूरी : सनत जयसूर्या

(कुशान सरकार)

नयी दिल्ली, 13 जुलाई। श्रीलंका को वित्तीय संकट और अशांति से जूझते देख पूर्व क्रिकेटर सनत जयसूर्या नाराज भी हैं और दुखी भी लेकिन उन्हें उम्मीद है कि देश में जल्दी ही लोकतंत्र बहाल होगा ।

पूर्व कप्तान और उपमहाद्वीप के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों में से एक जयसूर्या ने राजनेताओं को जमकर आड़े हाथों लिया ।

जयसूर्या ने पीटीआई से बातचीत में कहा ,‘‘ यह बहुत दुखद स्थिति है । मेरा देश संकट के दौर में है और जरूरी खानपान के सामान के लिये लोगों को लंबी कतार में लगा देखकर मुझे बहुत कष्ट हो रहा है । बिजली नहीं है, ईंधन नहीं है और जरूरी दवाइयां भी नहीं है । इससे बुरा क्या हो सकता है ।’’

राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षा की खराब आर्थिक नीतियों का खामियाजा देश को भुगतना पड़ रहा है । वह मालदीव भाग गए हैं और उनके सरकारी आवास पर आम जनता ने कब्जा कर लिया है ।

जयसूर्या ने कहा ,‘‘ यह सब दुर्भाग्यपूर्ण है । उम्मीद है कि 13 जुलाई को गोटाबाया अपना इस्तीफा सौंप देंगे । हमारे राजनेताओं ने जिस तरह देश का बेड़ा गर्क किया है, उसे बयां करने के लिये शब्द नहीं है ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ अगर आप मुझसे इस समय राष्ट्रपति भवन के भीतर मौजूद जनता के बारे में पूछेंगे तो मुझे उनके विरोध में कोई बुराई नजर नहीं आती । उन्होंने शांतिपूर्ण विरोध किया । उनसे बार बार सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाने के लिये कहा गया था । श्रीलंका के अलग अलग हिस्सों से नौ जुलाई को यहां लोग एकत्र हुए जो राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं ।’’

जयसूर्या ने उम्मीद जताई कि देश में लोकतंत्र जल्दी लौटेगा और हालात सामान्य होंगे ।

यह पूछने पर कि क्या वह प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाये जाने के पक्ष में हैं, श्रीलंका के पूर्व कप्तान ने कहा ,‘‘ रानिल के पास कोई विकल्प नहीं है । उसे स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धना के आदेश को मानना होगा । देश में शांति और लोकतंत्र की बहाली के लिये रानिल को विपक्ष के नेता सजीत प्रेमदासा समेत विभिन्न दलों के नेताओं से बात करनी होगी ।’’

जयसूर्या ने कहा ,‘‘ उन्हें देश के मुस्लिम नेताओं और तमिल नेताओं को बातचीत के मंच पर लाना होगा । हमें लोकतंत्र की बहाली चाहिये ।’’

उन्होंने उम्मीद जताई कि अगस्त में शुरू होने वाला एशिया कप श्रीलंका में ही होगा ।

उन्होंने कहा ,‘‘ मुझे पूरी उम्मीद है कि यह टूर्नामेंट होगा । इसे कोई खतरा नहीं है । श्रीलंका में सभी क्रिकेट और क्रिकेटरों से प्यार करते हैं । श्रीलंकाई जनता किसी क्रिकेटर के खिलाफ नहीं है । टूर्नामेंट शांतिपूर्ण ढंग से कराने के उपाय किये जायेंगे ।’’ (भाषा)

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