अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका के हाउस ऑफ़ रिप्रेज़ेंटेटिव ने एक संशोधन पास किया है जो 'काउंटरिंग अमेरिकाज़ ऐडवर्सरीज़ थ्री सैंक्शंस ऐक्ट' या 'काट्सा कानून' के कड़े प्रावधानों से भारत को छूट देता है.
भारतीय मूल के कांग्रेसमैन रो खन्ना ने इस संशोधन को लिखा और पेश किया था. इसके पक्ष में 330 और विरोध में 99 मत पड़े.
काट्सा क़ानून के तहत अमेरिका उन देशों पर प्रतिबंध लगा सकता है जिन्होंने रूस से हथियार खरीदे हैं.
भारत ने रूस से आधुनिक डिफेंस सिस्टम 'एस-400' खरीदा था, जिसके बाद कयास लगने लगे थे कि अमेरिका भारत पर भी इस कानून के अंतर्गत प्रतिबंध लगा सकता है.
रो खन्ना के दफ़्तर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया, "चीन के तेज़ होते आक्रमण को देखते हुए अमेरिका को भारत के साथ ज़रूर खड़ा होना चाहिए. भारत कॉकस के वाइस चेयर होने के नाते मैं दोनो देशों की भागीदारी को मज़बूत करने के लिए काम करता रहा हूं और इसलिए भी ताकि भारत चीन के साथ अपनी सीमा पर खुद की सुरक्षा कर पाए."
अमरीका में भारत की पूर्व राजदूत मीरा शंकर ने इस संशोधन को महत्वपूर्ण बताया है.
मीरा शंकर ने कहा कि उन्होंने संशोधन की कॉपी नहीं देखी है लेकिन हाउस ऑफ़ रिप्रेज़ेंटेटिव में ये संशोधन पास होने के बाद सेनेट में जाएगा जहां इस पर बहस होगी. वहां पर इसे पास किया जा सकता है या ब्लॉक किया जा सकता है, या उसमें बदलाव हो सकते हैं.
अगर ये संशोधन बदलाव के बाद सेनेट में पास हो जाता है, उसके बाद ये फिर हाउस ऑफ़ रिप्रेज़ेंटेटिव के पास आएगा जहां संशोधन के दोनो प्रारूपों में सामंजस्य बिठाना होगा, और उसके बाद संशोधन का आखिरी प्रारूप सामने आएगा जिसके बाद इसे राष्ट्रपति बाइडन के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा.
अगर सेनेट इस प्रारूप को खारिज कर देता है तो ये प्रक्रिया दोबारा शुरू करनी होगी.
मीरा शंकर कहती हैं कि अगर दोनो दलों, रिपब्लिकन और डेमोक्रैट पार्टी के सदस्यों ने इस हाउस में पास करने में भूमिका निभाई है, तो इसके सेनेट मे पास होने के आसार बढ़ जाते हैं.
इस संशोधन की अहमियत पर मीरा शंकर कहती हैं, "भारत के लिए मुश्किल है कि आपको दूसरा देश बताए कि आप किसी तीसरे देश के साथ कैसे संबंध रखें. इसमें पूर्व की बातें हैं. अभी की बातें भी हैं जब हमारा 60 प्रतिशत रक्षा उपकरण रूस से आता है. इसके अलावा इसमें रूस के साथ सामरिक रिश्तों की भी बात आती है. भारत के लिए ये ज़रूरी है कि हम अमेरिका के साथ अपने रिश्तों का विस्तार करें. साथ ही साथ हम इस बात की जगह बचा कर रखें कि हम किसी और देश के साथ रिश्तों को भी आगे बढ़ा सकें."
उनका जन्म फ़िलाडेल्फिया में हुआ. वो मध्यवर्गीय परिवार से आते हैं. उनके माता-पिता 70 के दशक में बच्चों की बेहतर ज़िंदगी के लिए भारत से अमेरिका आए थे.
खन्ना के पिता एक केमिकल इंजीनियर थे, और मां एक स्कूल टीचर. उनके दादा ने आज़ादी की लड़ाई में लाला लाजपत राय के साथ काम किया और कई साल जेल में भी बिताए थे.
कांग्रेस में आने से पहले उन्होंने स्टैनफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी, सैंटा क्लारा यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र पढ़ाया. राष्ट्रपति ओबामा के प्रशासन में वो डिपार्टमेंट ऑफ़ कॉमर्स में डेप्युटी असिस्टेंट सेक्रेटरी के पद पर रहे.
वो भारत अमेरिका संबंधों के मज़बूत समर्थक रहे हैं. (bbc.com)