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वो ब्यूटी क्वीन जिन्हें अपना देश छोड़कर जाना पड़ा...
18-Jul-2022 10:16 PM
वो ब्यूटी क्वीन जिन्हें अपना देश छोड़कर जाना पड़ा...

इमेज स्रोत,SELAMAWIT TEKLAY

इथियोपिया के संघर्षरत इलाक़े टिग्रे की ब्यूटी क्वीन सेलमावित टिकले की कहानी

एक ब्यूटी क्वीन जिन्हें अपना देश छोड़कर जाना पड़ा और अवैध तरीक़े से दूसरे देश की सीमाएं लांघनी पड़ी.

इस दौरान उन्होंने उम्मीद की तलाश में भागते लोग और बेहद भावनात्मक पलों को देखा.

इथियोपिया के संघर्षरत इलाक़े टिग्रे की ब्यूटी क्वीन सेलमावित टिकले ने खुद अपने ख़तरों भरे इस सफ़र की कहानी बीबीसी को बताई.

सेलमावित टेकले पिछले साल फ्रांस पहुंची थीं. जहां से उन्हें ब्रिटेन में शरण लेने के लिए इंग्लिश चैनल को पार करना था.

उन्होंने कई और प्रवासी लोगों से भरी हुई एक नाव में इस यात्रा की शुरुआत की. इथियोपिया का उत्तरी प्रांत टिग्रे में गृह युद्ध की स्थिति बनी हुई है.

इस इलाक़े में संघर्ष की शुरुआत साल 2020 के नवंबर में हुई जब प्रधानमंत्री अबी अहमद ने इस प्रांत की सत्तारूढ़ पार्टी टीपीएलएफ़ को हटाने के लिए एक आक्रामक अभियान छेड़ दिया.

टीपीएलएफ़ के लड़ाकों ने संघीय सैन्य ठिकानों पर क़ब्ज़ा कर लिया था. इस दौरान नरसंहार हुआ और गैंगरेप की घटनाएं हुईं.

सेलमावित टेकले ने बीबीसी को बताया कि वो क्यों दूसरे प्रवासियों को इस तरह इंग्लिश चैनल पार न करने की सलाह देती हैं.

सेलमावित टिकले की कहानी
मुझे ब्रिटेन पहुंचने के लिए बेहद मुश्किल और डरावने सफ़र से गुजरना पड़ा. मैंने टिग्रे के अपने लोगों को समंदर में डूबते हुए देखा.

मैं इंग्लिश चैनल से बचने वालों में से हूं. नवबंर, 2021 का वो महीना मैं ज़िंदगी में कभी नहीं भूल सकती हूं.

हमने पहले फ्रांस में कई रातें गुज़ारीं. हम कैली शहर में झाड़ियों में रहे.

वहां बहुत ज़्यादा ठंड थी और खाने-पीने का कोई सामान नहीं था. उस तकलीफ़ का कोई अंत नहीं था.

हम मानव तस्करों के आने का इंतज़ार कर रहे थे. जब अलग-अलग तस्कर आए तो उनके साथ पैसों को लेकर बातचीत हुई.

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'हमारे पास कोई और विकल्प नहीं था'
ये तस्कर पुलिस से बचकर प्रवासियों को इंग्लिश चैनल पार कराते हैं. पहले जत्थे में जब मेरे कुछ साथी इंग्लिश चैनल पार करने गए तो उनकी नाव डूब गई.

हालांकि, भगवान का शुक्र है कि उन्हें लाइफ़गार्ड्स ने बचा लिया.

जिन लोगों ने अभी चैनल पार नहीं किया था उन्हें भी ये बुरी ख़बर मिली. हमें झटका लगा. हमारे पास कोई और विकल्प नहीं था. हमें वहां से जाना ही था.

कुछ दिनों बाद हमने भी जाने का फ़ैसला किया. मौसम बहुत ठंडा था और समुद्र बेहद डरावना लग रहा था.

हम सभी एक छोटी सी नाव में चढ़े. हमें वही करना था, जो तस्कर बोल रहे थे. अपनी ज़िंदगी बचाने की कोशिश में हमने ब्रिटेन के लिए सफ़र की शुरुआत की.

मौत का ख़तरा
लेकिन, हमारा ये सफ़र रात के किसी सामान्य सफ़र की तरह नहीं था. इस यात्रा पर मौत का ख़तरा मंडरा रहा था.

अचानक नाव का इंजन समुद्र में गिर गया. हमारे साथ बैठे अरब के एक शख़्स ने इंजन निकालने के लिए समुद्र में छलांग लगा दी लेकिन वो इंजन नहीं ला सके.

तब टिग्रे के हमारे एक भाई भी पानी में गए पर वो वापस नहीं लौटे. हमने उनके चिल्लाने की आवाज़ सुनी. हमने मदद के लिए कई आवाज़ें दीं.

लेकिन, हम उन्हें नहीं खोज सके. करीब तीन घंटों बाद लाइफ़गार्ड्स वहां पहुंचे. मेरे सामने टिग्रे के हमारे भाई पानी में डूब गए.

मैंने अपनी आंखों के सामने उन्हें मरते देखा. अरब के वो शख़्स किस्मत वाले थे. उनकी जान बच गई. वो किसी तरह नाव पर वापस आ गए.

बुरी ख़बर आई...
उस नाव पर मुझे लगा कि जैसे मैंने गलत फ़ैसला ले लिया है. मैंने और नाव पर मौजूद दूसरे लोगों ने तटरक्षकों के सामने समर्पण कर दिया.

उन्होंने कई घटों की तलाश के बाद हमें समुद्र में बहते हुए खोज लिया था. तीन या चार दिनों बाद हम ब्रिटेन पहुंचे.

यात्रियों का तीसरा जत्था इंग्लिश चैनल पार करने की कोशिश कर रहा था. लेकिन, वहां से बुरी ख़बर आई, सभी यात्री डूब गए थे.

उनमें मेरे साथ टिग्रे से आए दो लोग भी थे और एक मेरे शहर के ही रहने वाले थे.

मुझे अपनी हालत पर, अपने लोगों और माता-पिता के लिए बहुत रोना आया. मेरे माता-पिता को नहीं पता था कि मैं इस तरह से ब्रिटेन आ रही हूं.

जब मैंने ब्रिटेन के लिए अपने सफ़र की शुरुआत की थी तो मैंने खुद को कहा था कि टिग्रे से ज़्यादा बुरे हालात और कहीं नहीं हो सकते.

'ऐसा नहीं करना चाहिए...'
हमने वहां बहुत भयानक स्थितियां देखी हैं. लेकिन, इस समुद्र को पार करना बेहद ख़तरनाक है और ऐसा नहीं करना चाहिए.

मैंने अपना देश छोड़ने के बारे में कभी नहीं सोचा था. मेरी ऐसी कोई इच्छा भी नहीं थी.

जब भी मैं सौंदर्य प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए या किसी अन्य काम से विदेश जाती थी तो हमेशा अपने घर लौटकर आती थी.

मैकेले में मेरा अपना खुद का कारोबार था जहां मैं पारंपरिक और आधुनिक कपड़े डिज़ाइन करती थी.

गृह युद्ध से पहले मैकेले में मेरा कारोबार बहुत अच्छा चल रहा था. लेकिन, नवंबर 2020 से शुरू हुए गृह युद्ध में हज़ारों ज़िंदगियां तबाह हो गईं.

'मेरे साथ रेप नहीं हुआ...'
टिग्रे के बैंक अकाउंट फ्रीज़ कर दिए गए जिससे कोई भी अपना पैसा नहीं निकाल सकता था.

टिग्रे के हर व्यक्ति को अपना घर से बिछड़ने की भयानक पीड़ा से गुज़रना पड़ा. मेरे परिवार और मेरे साथ भी यही हुआ.

हालांकि, मैं ख़ुशकिस्मत हूं कि टिग्रे की हमारी बहनों की तरह मेरे साथ रेप नहीं हुआ लेकिन मैंने मानसिक पीड़ा झेली है.

युद्ध शुरू होने के बाद मैकेल में भारी बमबारी हुई. हमें अपना घर छोड़कर गांव जाना पड़ा. अक्सम शहर में मेरे अंकल की मौत हो गई थी.

इसके बाद मैंने देश छोड़ने का फ़ैसला किया. मैं बस शांति चाहती हूं. मुझे अच्छा नहीं लगा रहा है. मेरे अंदर की शांति ख़त्म हो गई है.

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मॉडल बनने की इच्छा
अगर शांति हो तो सब मिल जाता है, सब सुलझ जाता है. मैं अपने माता-पिता की इकलौती बेटी हूं.

मुझे याद है कि कैसे बचपन में मैं अपने कपड़े खुद चुनकर उन्हें डिज़ाइन करती थी. मैं अपनी मां के कपड़े भी पहना करती थी.

जब मैंने मॉडल बनने की इच्छा जताई थी तो मेरे माता-पिता ने मुझे पढ़ाई पर ध्यान के लिए कहा. लेकिन, मेरी ये इच्छा ख़त्म नहीं हुई.

जब मैं 16 साल की थी तो मैंने पहले ब्यूटी पीजेंट 'मिस वर्जिन मैकेले' में हिस्सा लिया था. वो एक बेहतरीन प्रतियोगिता थी.

बड़े होकर साल 2015 में मैंने देश के सबसे बड़े ब्यूटी पीजेंट 'मिस वर्ल्ड इथियोपिया' में हिस्सा लिया.

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अवसरों के नए रास्ते...
मैं यहीं नहीं रुकी. साल 2017 में मैंने 'मिस ग्रैंड इंटरनेशनल' में भाग लिया जिसमें दुनिया भर से 77 और प्रतियोगी थे.

वियतनाम में हुआ ये मेरा पहली अंतरराष्ट्रीय ब्यूटी प्रतियोगिता थी जिसमें मैंने अपने देश का प्रतिनिधित्व किया.

इस कॉन्टेस्ट में मुझे कुछ शीर्ष स्तर की ट्रॉफियां मिलीं जिसने मेरे लिए अवसरों के नए रास्ते खोल दिए.

इसके बाद मैंने दक्षिण कोरिया में एक ब्यूटी पीजेंट 'मिस ब्यूटी एंड टैलेंट' में साल 2018 में हिस्सा लिया.

इसके बाद 2019 में मैं चीन में ब्यूटी एंड स्पेशल स्किल्स कॉन्टेस्ट का हिस्सा बनी. लेकिन, हमारे सारे सपने बिखर गए. मैं अब ब्रिटेन में पनाह लेना चाहती हूं.

नई ज़िंदगी की शुरुआत
उन्होंने पहले हमारा होटल में स्वागत किया और इसके बाद उन्होंने हमे एक घर में शेयर करके रहने के लिए दिया है. साथ में खाने के लिए पैसे भी दिए गए हैं.

मेरा मामला सुलझ जाने तक मुझे बाहर जाने या काम करने की इजाज़त नहीं है. मैंने एक नई ज़िंदगी की शुरुआत की है.

कुछ ऐसा नहीं हुआ जो सोचा था. सबकुछ किसी नाटक की तरह है.

मौजूदा समय में ब्रिटेन की सरकार शरण चाहने वाले कुछ पुरुषों को रवांडा भेजने की योजना बना रही है. ये दुख भरा फ़ैसला है.

प्रवासियों ने इस देश में अपनी ज़िंदगी बचाने के लिए कई बड़े त्याग किए हैं. मुझे पता है कि रात के अंधेरे में वो सफ़र कैसा होता है.

(ये लेख बीबीसीके साथ सेलमावित टेकले के साक्षात्कार पर आधारित है.)

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