अंतरराष्ट्रीय
इस दौरान उन्होंने श्रीलंका का ज़िक्र करते हुए चीन की कर्ज़ नीति को निशाने पर लिया. उन्होंने श्रीलंका के मौजूदा संकट के पीछे भारी कर्ज़ को ही ज़िम्मेदार बताया.
अंग्रेज़ी अख़बार द हिंदू के मुताबिक उन्होंने कहा, ''पिछले दो दशकों में चीन श्रीलंका को ज़्यादा ब्याज़ दर पर अस्पष्ट कर्ज़ देकर और बडे़-बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को वित्तीय मदद करके श्रीलंका का सबसे बड़ा कर्जदाता बन गया है. ये वो प्रोजेक्ट्स हैं जिनके व्यवहारिक इस्तेमाल पर सवाल भी खड़ा होता है. सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या चीन अन्य द्वीपक्षीय लेनदार देशों की तरह अपने कर्ज़ का पुनर्गठन करेगा. ''
साथ ही उन्होंने ऐसा विकास मॉडल देने की बात कही जो कर्ज़ और निर्भरता पर आधारित ना हो.
सामंथा ने कहा कि आने वाले समय में अमेरिका भारत को इंडो-पैसिफ़िक का ही नहीं बल्कि दुनिया के नेता के तौर पर देखता है. सामंथा ने कहा, ''हम साथ मिलकर उभरते देशों, उभरती अर्थव्यवस्थाओं को एक नया विकास मॉडल दे सकते हैं, जो कर्ज़ और निर्भरता पर नहीं बल्कि आर्थिक व्यापार और एकीकरण पर आधारित हो. जो व्यक्ति और राष्ट्रीय एजेंसियों को सहयोग करता हो और जो सभी देशों को सहयाता की ज़रूरत से आगे बढ़ते हुए देखना चाहता हो.''
इसी को विस्तार देते हुए उन्होंने कहा, ''एक ऐसा मॉडल जो दूसरों के साथ समान व्यवहार करता है और पूर्वनिर्धारित अवधारणाओं या रूढ़ियों के बिना समाधान पर सहयोग करता है. एक ऐसा मॉडल जो इस बात को स्वीकार करता है कि लोकतंत्र, समावेशिता और बहुलवाद स्थाई प्रगति का पक्का रास्ता देते हैं, जहां गरिमा सिर्फ़ कुछ लोगों के लिए नहीं बल्कि सभी के लिए है. इस मॉडल की जड़ें खुले दिल के साथ सहयोग में हैं. जो मॉडल मानता है कि हम सब एक परिवार हैं.''
उन्होंने भारत और अमेरिका की तरफ़ से श्रीलंका को दी जा रही मदद का भी ज़िक्र किया.
सामंथा पावर ने मंगलवार को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा से भी मुलाक़ात की. उन्होंने घोषणा की कि अमेरिका कृषि वानिकी को बढ़ावा देने के लिए भारत में दो करोड़ 50 लाख डॉलर का निवेश करेगा. (bbc.com)