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BBC/RAVI PRAKASH
-रवि प्रकाश
चुनाव आयोग द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी रद्द किए जाने की अटकलों के बीच झारखंड में सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के विधायक एक विशेष विमान से रांची से रवाना हुए हैं. इनके रायपुर जाने की चर्चा है. इस विमान में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उनके साथ नहीं हैं.
हालांकि, वे एयरपोर्ट तक आए थे. यह निजी विमान कंपनी इंडिगो की विशेष फ़्लाइट है.
समझा जाता है कि पहले से तय कैबिनेट की बैठक के मद्देनज़र मुख्यमंत्री विधायकों के साथ नहीं गए हैं. यह बैठक 1 सितंबर को होनी है.
इस विशेष विमान में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), कांग्रेस और आरजेडी के विधायक हैं. इससे पहले सभी विधायक मुख्यमंत्री आवास पहुंचे. वहां से 2 बसों में सवार होकर विधायकों की टोलियां रांची के बिरसा मुंडा हवाई अड्डा पर पहुंची.
उनके लगेज पहले ही एयरपोर्ट आ गए थे. हालांकि, यह सब कुछ गोपनीय रखने की कोशिश की गई थी लेकिन मीडिया की मौजूदगी के कारण इससे जुड़ी तस्वीरें वायरल होने लगीं.
इधर, झारखंड में पिछले 25 अगस्त से जारी सियासी अनिश्चितता 5 दिन बाद भी क़ायम है. राज्यपाल ने चुनाव आयोग की उस कथित चिट्ठी पर क्या निर्णय लिया है, इसकी कोई सार्वजनिक जानकारी नहीं दी गई है. आधिकारिक तौर पर तो यह भी नहीं पता है कि चुनाव आयोग ने राज्यपाल को कोई पत्र भेजा भी है या नहीं.
इससे पहले यूपीए ने रविवार को राज्यपाल से मुलाक़ात का समय मांगा था, लेकिन राजभवन से उन्हें मिलने का समय नहीं मिल सका. इससे एक दिन पहले एक प्रेस कांफ्रेंस में यूपीए विधायकों ने राज्यपाल से अपना निर्णय जल्दी सुनाने का आग्रह किया था.
तब मुख्यमंत्री ने राज्यपाल पर भी सरकार गिराने की साज़िश में शामिल होने के आरोप लगाए थे.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रविवार की शाम मीडिया से कहा था कि जिस देश की सरकार आधे राज्यों में सरकार गिराने और आधे में बनाने के काम में लगी हो, उसका भविष्य क्या हो सकता है. आज सरकार बनाओ, सरकार तोड़ो, विधायक ख़रीदो और विधायक बेचो का काम चल रहा है. आख़िर व्यापारियों का और दूसरा काम क्या होता है. देश चलाना थोड़े न होता है.(bbc.com/hindi)