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बॉलीवुड के क्या दिन बहुरे ? विश्लेषकों को ‘ब्रह्मास्त्र’ से बढ़ी उम्मीदें
12-Sep-2022 8:14 PM
बॉलीवुड के क्या दिन बहुरे ? विश्लेषकों को ‘ब्रह्मास्त्र’ से बढ़ी उम्मीदें

(कोमल पंचमटिया और राधिका शर्मा)

मुंबई/नयी दिल्ली, 12 सितंबर। हिंदी फिल्मों का जादू खत्म होने की चर्चाओं और गोमांस पर अभिनेता के पुराने बयान के आधार पर बहिष्कार के आह्वान को पीछे छोड़ते हुए फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र पार्ट वन: शिवा’ जिस तरह का प्रदर्शन कर रही है, उससे संदेश गया है अभी बॉलीवुड को खारिज नहीं किया जा सकता।

सिनेमा उद्योग से जुड़े लोग इस फिल्म के कारोबार पर पैनी नजर रखे हुए थे और ‘‘ब्रहास्त्र’’ ने सप्ताहांत में दुनिया भर में 220 करोड़ रुपये की कमाई की। स्टार स्टूडियोज और धर्मा प्रोडक्शंस द्वारा निर्मित, रणबीर कपूर-आलिया भट्ट अभिनीत फिल्म पिछले शुक्रवार को रिलीज होने से पहले कई सप्ताह तक विवादों में रही।

रणबीर ने कुछ साल पहले कहा था कि उन्होंने गोमांस खाया है। उनकी इस टिप्पणी के आधार पर पिछले हफ्ते विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए जब वह और उनकी पत्नी आलिया उज्जैन के महाकाल मंदिर गए। इसने सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे ‘बॉयकॉट ब्रह्मास्त्र’ अभियान को गति दी। लेकिन, स्पष्ट रूप से ऐसा नहीं हुआ और ‘‘ब्रह्मास्त्र’’ दक्षिण की फिल्मों जैसे ‘‘पुष्पा: द राइज’’, ‘‘केजीएफ: चैप्टर 2’’ और ‘‘आरआरआर’’ जैसी मेगा हिट बन सकती है।

आईनॉक्स लीजर के मुख्य प्रोग्रामिंग अधिकारी राजेंद्र सिंह ज्याला ने कहा, ‘‘यह 'केजीएफ: चैप्टर 2' के बाद सबसे ज्यादा गैर-हॉलिडे ओपनर और दूसरी सबसे ज्यादा ओपनिंग वाली फिल्म है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर बहिष्कार के आह्वान का वास्तव में प्रभाव होता, तो ‘ब्रह्मास्त्र’ ऐसा प्रदर्शन नहीं कर पाती।’’ ज्याला ने कहा कि अगर विषय वस्तु अच्छी है तो किसी फिल्म को हिट होने से कोई नहीं रोक सकता।

अन्य विश्लेषकों ने यह कहते हुए सहमति व्यक्त की कि ‘‘ब्रह्मास्त्र’’ की शुरुआती सफलता यह संकेत देती है कि बॉलीवुड फिल्मों के बहिष्कार के आह्वान की हवा निकल गई है।

अब सवाल यह है कि फिल्म आखिरकार कितना मुनाफा कमाती है। कथित तौर पर 400 करोड़ रुपये में यह भारत में बनी अब तक की सबसे महंगी फिल्मों में से एक मानी जाती है।

जी7 मल्टीप्लेक्स और मराठा मंदिर सिनेमा के कार्यकारी निदेशक मनोज देसाई के अनुसार ‘‘ब्रह्मास्त्र’’ हिंदी फिल्म उद्योग के बुरे दौर को समाप्त कर सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘लोग सिनेमाघरों में फिल्म देखने आ रहे हैं क्योंकि यह बड़े पर्दे के लायक कहानी है। इसके अलावा इस फिल्म को देखने की उत्सुकता भी है क्योंकि इसे बनाने में कई साल लगे हैं। ऐसा लगता है कि पुराने अच्छे दिन वापस आ गए हैं।’’

इस फिल्म में अभिनेता अमिताभ बच्चन, नागार्जुन और शाहरुख खान भी हैं। देसाई ने कहा कि उन्होंने गैलेक्सी और गेयटी (दोनों में सीट की क्षमता 2,000) में चार शो और 1,100 क्षमता वाले मराठा मंदिर में तीन शो रखे हैं।

यह फिल्म दुनिया भर में 9 सितंबर को हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ में रिलीज हुई थी। कम से कम अभी तो इस फिल्म का जादू कायम है। महामारी के कारण लॉकडाउन के बाद सिनेमाघरों के फिर से खुलने के बाद शायद यह पहली बार है कि फिल्म के लिए और स्क्रीन जोड़े गए हैं।

मल्टीप्लेक्स श्रृंखला का संचालन करने वाली पीवीआर सिनेमाज ने रविवार को इंस्टाग्राम पर कहा कि वह अपने आईमैक्स और पीएक्सएल स्क्रीन पर दो विशेष शो तड़के 2.30 बजे और 2.45 बजे जोड़ रही है।

टिकट खिड़की पर आमिर खान की ‘‘लाल सिंह चड्ढा’’, अक्षय कुमार की ‘‘रक्षा बंधन’’ और विजय देवरकोंडा की ‘‘लाइगर’’ के निराशाजनक प्रदर्शन का हवाला देते हुए, वरिष्ठ फिल्म समीक्षक सैबल चटर्जी ने कहा, ‘‘बहिष्कार के आह्वान ने तीन-चार फिल्मों के मामले में काम किया लेकिन यह अब मजाक बन गया है।’’

जैसा कि धर्मा प्रोडक्शंस के करण जौहर ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘विनम्र... आभारी ... फिर भी अपने उत्साह को रोक नहीं सकता। धन्यवाद।’’ फिल्मकार हंसल मेहता ने टिकटों की व्यवस्था कर पाने में अपनी परेशानी के बारे में बताया।

मेहता ने रविवार को ट्वीट किया, ‘‘मुझे ब्रह्मास्त्र बहुत अच्छी लगी। पिछली रात के शो के लिए टिकट हासिल करने में नाकाम रहने के बाद लगभग 60-70 प्रतिशत फुल मॉर्निंग शो के लिए सिनेमा हॉल में जाने में मुझे और भी अधिक मजा आया...और उसी मल्टीप्लेक्स में बाद के शो के लिए लंबी कतारें थी। दूसरा भाग बहुत बड़ा होने जा रहा है।’’

मुंबई के एक सिनेमा हॉल में पहले दिन पहला शो देखने वाले एक दर्शक ने कहा, ‘‘फिल्म में फंतासी और आज के समय को जोड़ कर बनी कहानी मुझे बहुत अच्छी लगी। फिल्म का अंत थोड़ा भारी है लेकिन कम से कम यह कुछ देसी और मूल विषयवस्तु है।’’

उज्जैन में महाकाल मंदिर में प्रवेश करने से रोकने वाले विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिक्रिया देते हुए, आलिया ने पिछले हफ्ते दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘कोई नकारात्मक माहौल नहीं है। ऐसा कुछ भी नहीं है। फिल्म रिलीज करने के लिए यह शानदार माहौल है...।’’

हालिया समय में हिंदी फिल्मों के अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाने से जुड़े सवाल पर रणबीर ने कहा, ‘‘अगर कोई फिल्म नहीं चलती है, तो कोई और वजह नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि विषयवस्तु अच्छी नहीं है...मैं अपनी फिल्म का ही उदाहरण दूंगा। मैं अन्य फिल्मों के बारे में बात नहीं करूंगा। कुछ सप्ताह पहले मेरी फिल्म ‘शमशेरा’ रिलीज हुई थी... फिल्म टिकट खिड़की पर नहीं चली। शायद इसलिए कि दर्शकों को फिल्म पसंद नहीं आई।’’

शाहरूख खान ने ‘ब्रह्मास्त्र’ में अतिथि भूमिका निभाई है। हाल में वह ‘‘रॉकेट्री: द नंबी इफैक्ट’’ और ‘‘लाल सिंह चड्ढा’’ में भी मेहमान भूमिका में नजर आए थे। खान की आखिरी फिल्म 2018 में ‘जीरो’ आई थी।

‘ब्रह्मास्त्र’ में बच्चन और नागार्जुन जैसे दिग्गज कलाकारों की मौजूदगी से भी इसे अच्छी प्रतिक्रिया मिली। चटर्जी ने कहा, ‘‘यह दिखाता है कि लोग शाहरूख खान की वापसी का इंतजार कर रहे हैं। अगले साल उनकी आने वाली फिल्म के लिए अब उत्सुकता बढ़ जाएगी।’’

सकारात्मक प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण करते हुए, ज्याला ने कहा, ‘‘यह बड़ी फिल्म है, दृश्य अच्छे हैं। फिल्म के दो-तीन गाने रिलीज होने से पहले हिट हो गए थे। इन सभी कारकों ने मिश्रित समीक्षाओं और बहिष्कार के आह्वान के बावजूद काम किया है। आम दर्शकों को इस सब की परवाह नहीं है।’’

चटर्जी के विचार में, यह ‘‘प्रकाश बनाम अंधकार’’ की पारंपरिक लड़ाई की ओर बढ़ने वाली फिल्म है। यदि ‘ब्रह्मास्त्र’ आगे भी अच्छा प्रदर्शन करती है तो यह सिनेमा उद्योग के लिए अच्छी खबर है जहां हजारों लोगों को रोजगार मिला हुआ है। (भाषा)

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