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मेहसाणा, 15 सितंबर गुजरात के पूर्व गृह मंत्री विपुल चौधरी को राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने दूधसागर डेयरी में करीब 500 करोड़ रुपये की कथित अनियमितता के मामले में हिरासत में लिया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
चौधरी ‘गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन’ (जीसीएमएमएफ) के पूर्व अध्यक्ष हैं। जीसीएमएमएफ के पास अमूल ब्रांड का स्वामित्व है। चौधरी मेहसाणा के दूधसागर डेयरी के भी प्रमुख रहे हैं।
एसीबी के संयुक्त निदेशक मकरंद चौहान ने बुधवार को कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी ने उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट शैलेश पारिख को भी मेहसाणा से बुधवार रात को हिरासत में लिया।
उन्होंने कहा कि दोनों को कोरोना वायरस की जांच कराने के बाद आधिकारिक तौर पर गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
एसीबी की मेहसाणा इकाई ने दूधसागर डेयरी के प्रमुख रहने के दौरान 500 करोड़ रुपये की आर्थिक अनियमितता में शामिल होने के आरोप में बुधवार रात को चौधरी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
चौहान ने बताया कि उनके खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाज़ी, आपराधिक साज़िश और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इससे पहले चौधरी को गुजरात अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने उन 14.8 करोड़ रुपये का गबन करने के आरोप में 2020 में गिरफ्तार किया था जिसका इस्तेमाल दूधसागर डेयरी के कर्मियों को बोनस देने के लिए किया जाना था।
चौधरी को पशु चारा खरीद में कथित भ्रष्टाचार के आरोप में जीसीएमएमएफ और दूधसागर डेयरी से बर्खास्त कर दिया गया था।
चौधरी गुजरात में सहकारिता क्षेत्र के एक जाने माने चेहरे हैं। वह 1996 में शंकर सिंह वाघेला सरकार में गृह मंत्री थे। (भाषा)