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नयी दिल्ली, 21 जनवरी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि 'तेजी से बदल रहे वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य' के कारण उत्पन्न होने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार देश को तैयार करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
यहां बड़ी संख्या में गणतंत्र दिवस एनसीसी शिविर में भाग ले रहे कैडेट को संबोधित करते हुए सिंह ने देश के पुख्ता सुरक्षा ढांचे को ‘टीमवर्क’ के सर्वश्रेष्ठ उदाहरणों में से एक बताया और जोर देकर कहा कि "अगर कभी युद्ध लड़ने की जरूरत पड़ी, तो पूरा देश हमारे सशस्त्र बलों के पीछे होगा"।
सिंह ने कहा, ‘‘यह ‘टीम वर्क’ का नतीजा है कि भारत ने अतीत में अपने दुश्मनों को हराया है और कई युद्ध जीते हैं।’’
उन्होंने यह भी कहा कि जहां सशस्त्र बल सभी प्रकार के खतरों से देश की रक्षा कर रहे हैं, वहीं वैज्ञानिक, इंजीनियर, सिविल अधिकारी और अन्य उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा, "अगर कभी युद्ध लड़ने की जरूरत पड़ी तो पूरा देश हमारे सशस्त्र बलों के पीछे होगा। यह टीम वर्क का नतीजा है कि भारत ने अतीत में अपने दुश्मनों को हराया है और कई युद्ध जीते हैं।"
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, अपने संबोधन में सिंह ने युवाओं से "इस्तेमाल करो और फेंको" की अवधारणा को खत्म करने का भी आह्वान किया, क्योंकि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से समाज और पर्यावरण को इस प्रथा के कारण सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ता है।
सिंह ने बदलते समय के अनुसार खुद को ढालने की जरूरत पर भी जोर दिया।
बयान में उनके हवाले से कहा गया, "तेजी से बदल रहे वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य के कारण उत्पन्न होने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए देश को तैयार करने के लिए सरकार द्वारा कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है।"
उन्होंने यह भी कहा कि जहां समय के साथ बदलाव जरूरी है, वहीं देश के गौरवशाली अतीत से जुड़े रहना भी उतना ही जरूरी है।
सिंह ने कहा, "उद्देश्य अपनी संस्कृति और परंपराओं में निहित एक मजबूत और समृद्ध भारत का निर्माण करना है।"
उन्होंने दिल्ली छावनी में एनसीसी गणतंत्र दिवस शिविर के अपने दौरे के दौरान कैडेट को संबोधित किया और कई कैडेट को उनके अनुकरणीय प्रदर्शन एवं कर्तव्य के प्रति समर्पण के लिए रक्षा मंत्री पदक तथा प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किए।
बयान में कहा गया, "इस साल, रक्षा मंत्री पदक पूर्वोत्तर क्षेत्र निदेशालय के अवर अधिकारी टिंगगुचिले नरीमे और राजस्थान निदेशालय के कैडेट अविनाश जांगिड़ को प्रदान किया गया।"
इसमें कहा गया, ‘‘रक्षा मंत्री प्रशस्ति पत्र ओडिशा निदेशालय के कैप्टन प्रताप केशरी हरिचंदन, तमिलनाडु, पुडुचेरी और अंडमान और निकोबार निदेशालय से संबद्ध कैडेट अवर ऑफिसर जेनी फ्रांसिना विक्टर आनंद, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख निदेशालय से संबद्ध कैडेट फिजा शफी और उत्तराखंड निदेशालय के कैडेट सहवाग राणा को प्रदान किए गए।’’
शिविर में भाग ले रहे लगभग 2,000 कैडेट को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने उनसे कहा कि वे नए तरीकों की पहचान करें और देश को तेज गति के साथ विकास पथ पर आगे बढ़ाने में मदद करने का प्रयास करें।
हालांकि, उन्होंने उनसे देश के सदियों पुराने मूल्यों और परंपराओं से जुड़े रहने तथा अपनी पसंद के क्षेत्र में विनम्रता के साथ काम करने का आग्रह किया।
इस बात पर जोर देते हुए कि पर्यावरण के विनाश का अर्थ जीवन का विनाश है, उन्होंने युवाओं और राष्ट्र से बड़े पैमाने पर वस्तुओं का यथासंभव पुन: उपयोग करने और प्रकृति के संरक्षण के लिए काम करने की अपील की।
सिंह ने युवाओं को 'इस्तेमाल करो और फेंको' की अवधारणा को अपने निजी जीवन में प्रवेश नहीं करने देने के लिए प्रोत्साहित किया और उनसे बड़ों, परिवार तथा दोस्तों का सम्मान करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि जहां ज्ञान और शिक्षा महत्वपूर्ण हैं, वहीं जीवन मूल्य समान प्रासंगिकता रखते हैं।
मंत्री ने कैडेट से आग्रह किया कि वे ज्ञान प्राप्त करने और धन कमाने पर जितना ध्यान दें, उतना ही चरित्र निर्माण पर भी ध्यान दें। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि कैडेट अपनी कड़ी मेहनत, समर्पण और मूल्यों के साथ सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचेंगे और देश का नाम रोशन करेंगे।
उन्होंने कहा, "भारत की प्रगति का मार्ग युवाओं से होकर जाता है। हमारे युवा जितने मजबूत होंगे, हमारा देश उतना ही मजबूत होगा।"
सिंह ने कैडेट को एक नेता, सैनिक, कलाकार और सबसे बढ़कर एक अच्छे इंसान के रूप में विकसित कर एक पूर्ण व्यक्तित्व में बदलने के लिए एनसीसी की सराहना की।
उन्होंने कहा, "एनसीसी कैडेट को कभी भी अहंकार को अपने व्यक्तित्व का हिस्सा नहीं बनने देना चाहिए और हमेशा राष्ट्र तथा समाज के प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए।"
कार्यक्रम के तहत एनसीसी कैडेट ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
सिंह ने एनसीसी की थलसेना, नौसेना और वायुसेना इकाइयों से लिए गए कैडेट के एक दल द्वारा प्रस्तुत ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ का भी निरीक्षण किया। उन्होंने देश के सभी 17 निदेशालयों से लिए गए कैडेट की उनके प्रदर्शन के लिए सराहना करते हुए इसे विविधता में भारत की एकता का प्रतीक बताया।
सिंह ने विभिन्न सामाजिक जागरूकता विषयों को दर्शाते हुए कैडेट द्वारा तैयार किए गए 'फ्लैग एरिया' का भी दौरा किया। विभिन्न निदेशालयों के कैडेट ने उन्हें अपने-अपने मॉडल के बारे में जानकारी दी। इसके बाद, उन्होंने ‘हॉल ऑफ फेम’ का दौरा किया, जिसमें पिछले 75 वर्षों में एनसीसी के पूर्व कैडेट की तस्वीरों, मॉडल और अन्य उपलब्धियों का एक प्रभावशाली संग्रह है।
इस अवसर पर रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने, एनसीसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीरपाल सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। (भाषा)