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भारी बर्फ़बारी के बीच राहुल गांधी का संबोधन, कहा- मैंने हिंसा देखी है कश्मीरियों का दुख समझता हूं
30-Jan-2023 4:01 PM
भारी बर्फ़बारी के बीच राहुल गांधी का संबोधन, कहा- मैंने हिंसा देखी है कश्मीरियों का दुख समझता हूं

कश्मीर, 30 जनवरी । कश्मीर में भारी बर्फ़बारी के बीच भारत जोड़ो यात्रा के समापन पर संबोधन में राहुल गांधी ने कहा कि ''मैं हमेशा सरकारी घर में रहा, मेरे लिए ये ढांचे घर नहीं है, मेरे लिए जीने का तरीका घर है, जिसे आप कश्मीरियत कहते हैं उसे मैं अपना घर मानता हूं.''

एक ऐसा वक़्त भी आया कि लगा मैं नहीं चल पाऊंगा- राहुल गांधी

कश्मीर में इस वक़्त भारी बर्फ़बारी हो रही है. इस बर्फ़बारी के बीच जनता को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, “गर्मी में आपको गर्मी नहीं लगी और सर्दी में आपको सर्दी नहीं लग रही, ये देश की शक्ति है. जब प्रियंका ने मेरे मैसेज का ज़िक्र किया तो मेरी आंखें भर आईं, अमूमन ऐसा नहीं होता. इस यात्रा में ऐसा भी लगा था कि पता नहीं कर पाऊंगा या नहीं, लेकिन कर पाया. एक वक्त ऐसा आया जब मुझे लगा कि नहीं चल पाऊंगा. उस वक़्त एक बच्ची दौड़ती हुई आई और बोली-मैंने तुम्हारे लिए कुछ लिखा है अभी मत पढ़ो, बाद में पढ़ना. उसने लिखा था कि आपके घुटनो में दर्द है जब आप उस पर वज़न डालते हैं तो ये और दर्द होता है. मैं आपके साथ नहीं चल सकती क्योंकि मेरे माता-पिता नहीं चलने दे रहे, लेकिन मुझे पता है आप मेरे लिए चल रहे हैं और मेरा दर्द ये पढ़ कर गायब हो गया."

"मुझे छोटे बच्चे मिले जो भीख मांगते थे, उनके पास कपड़े नहीं थे मैं उनके गले लगा, वो ठंड से कांप रहे थे, शायद उन्हें खाना भी नहीं मिला था. तो मुझे लगा कि अगर वो स्वेटर नहीं पहन रहे तो मुझे भी नहीं पहनना चाहिए. ”

“जब मैं चल रहा था तो बहुत सारी महिलाएं मुझसे मिल कर रो रही थीं, लेकिन उनमें बहुत सी ऐसी महिलाएं भी थीं कि उनके साथ बलात्कार हुआ, उनका उत्पीड़न किया गया. अगर मैं उनसे पूछता कि पुलिस को बता दूं तो वह कहतीं, नहीं बस आपको बताना था, पुलिस को बताएंगे तो बहुत कुछ नुक़सान हो जाएगा. ”

कश्मीर जाने से पहले राहुल गांधी ने हमें संदेश भेजा कि मैं घर जा रहा हूं- प्रियंका

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मंच से संबोधन करते हुए कहा, “मेरे भाई सितंबर से पैदल कन्याकुमारी से यहां तक चलने निकले थे मुझे पहले मुश्किल लग रहा था. पर जहां-जहां गए लोग बाहर आए, ये लोग बाहर किस लिए आए क्योंकि देश के लोगों में एक जज़्बा है, देश के संविधान के लिए जज़्बा है. कश्मीर की जनता का धन्यवाद कि आपने हमारा खुले दिल से स्वागत किया.”

“मुझे और मां को राहुल गांधी ने यहां आने से पहले संदेश भेजा था कि मुझे लग रहा है कि मैं अपने घर जा रहा हूं. मुझे गर्व है कि कांग्रेस ने एक ऐसी यात्रा की जिसका पूरे देश ने समर्थन किया.”

“मैं कह सकती हूं कि जो राजनीति बांटती है, तोड़ती है वो देश का भला नहीं कर सकती. ये एक आध्यात्मिक यात्रा रही. उन सभी का शुक्रिया जो देश के एक कोने से दूसरे कोने तक चले.”

“जिस सत्य अहिंसा की नींव पर ये देश बना उसकी हमें हिफ़ाजत करनी है. आप सभी को धन्यवाद देना चाहती हूं कि आपने एक रोशनी की किरण जलाई है.”

राहुल अपने घर आए हैं- मुफ़्ती

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि 'राहुल गांधी आपने कहा था कि आप कश्मीर में आए हैं, अपने घर आए हैं. यह आपका घर है. मुझे उम्मीद है कि गोडसे की विचारधारा ने जम्मू-कश्मीर से जो छीन लिया है वह इसे वापस मिल जाएगा. गांधी जी ने कहा था कि वह जम्मू-कश्मीर में आशा की किरण देखते हैं, आज देश को राहुल गांधी में आशा की किरण दिख रही है.

वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने इस मौके पर कहा, "हमें आपके साथ चलने का मौका मिला है. मुझे उम्मीद है कि अगर आप पूर्व से पश्चिम तक चलेंगे. हमें उम्मीद है कि हम आपके साथ आगे चलेंगे. ये बर्फ़ एक शुभ संकेत है, ये हमारे लिए खुशी और उजाला लेकर आई है.'' (bbc.com/hindi)

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