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नई दिल्ली, 1 फरवरी । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साल 2023-24 के लिए बजट जारी करने के बाद विपक्ष ने इस बजट को निराशाजनक कहा है.
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वीर यादव ने निर्मला सीतारमण के बजट भाषण पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि इस बजट में बिहार के लिए कुछ नहीं दिया गया है.
उन्होंने कहा, "ये बजट निल बट्टा सन्नाटा है, बिहार के लिए कुछ नहीं है. केंद्र में बिहार के जितने सांसद हैं उन्हें शर्म से डूब जाना चाहिए. किसानों के लिए, रेलवे के लिए कुछ नहीं है. यूपीए की सरकार में बिहार को जितना दिया जाता था क्या इस सरकार ने दिया?"
तेजस्वी यादव ने कहा, "भारतीय जनता पार्टी धर्म की राजनीति से ध्यान भटका कर संविधान खत्म कर रही है. नाम बदलने के अलावा इन्होंने कुछ किया? इससे किसे रोजी-रोटी मिली? बिहार के लोगों को ठगने की कोशिश की गई है. मध्यम वर्ग महंगाई से परेशान है. टैक्स में छूट आंखों में धूल झोंकने के बराबर है."
कांग्रेस पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि ये बजट देश में बेरोज़गारी और महंगाई जैसी वास्तविक समस्याओं का समाधान नहीं कर रहा है.
उन्होंने कहा कि बजट में सिर्फ़ लोकलुभावन घोषणाएं हैं जो पहले भी की जाती रही हैं लेकिन सवाल ये है कि इन्हें लागू कैसे किया जाएगा.
प्रधानमंत्री की किसान योजना से सिर्फ़ इंश्यूरेंस कंपनियों को फ़ायदा हुआ था, किसानों को नहीं.
वहीं भारत राष्ट्र समिति की नेता कविता कलावकुंतला ने कहा कि ये बजट मोदी सरकार की नाकामी की गणितीय पुष्टि करता है. हमें लगता है कि ये बजट कुछ चुनिंदा राज्यों के लिए है. हमने दस लाख तक की आय पर टैक्स छूट की उम्मीद की थी. तेलंगना में हम लोगों को अच्छा वेचन देते हैं, ऐसे में उनके लिए ये छूट किसी काम की नहीं हैं.
बीआरएस नेता ने ये भी कहा कि केंद्र सरकार ने सिर्फ़ उन राज्यों के लिए ही विकास परियोजनाओं की घोषणा की है जहां चुनाव होने हैं या जहां बीजेपी की सरकार है. सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए दस हज़ार करोड़ रुपए की घोषणा की है लेकिन ये नहीं बताया है कि ये इंफ्रास्ट्रक्चर क्या होगा.
कविता कलावकुंतला ने कहा कि केंद्र सरकार को तेलंगना के एक हज़ार करोड़ रुपए देने हैं, हम गुजारिश करते हैं कि वित्त मंत्री जल्द ही हमारा ये पैसा दें. (bbc.com/hindi)