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पहले ना, अब हां: तुर्की दौरे पर जाएंगे पाकिस्तानी पीएम शहबाज़ शरीफ़
16-Feb-2023 9:45 AM
पहले ना, अब हां: तुर्की दौरे पर जाएंगे पाकिस्तानी पीएम शहबाज़ शरीफ़

तुर्की में बीती छह फरवरी की सुबह आए शक्तिशाली भूकंप के बाद कई देश इस मुश्किल घड़ी में उसका साथ देने के लिए आगे आए हैं.

इन देशों की लिस्ट में पाकिस्तान का नाम भी शामिल है.

भूकंप आने के बाद पाकिस्तान की सूचना प्रसारण मंत्री मरियम औरंगज़ेब ने प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ के तुर्की जाने की घोषणा की थी.

मरियम औरंगज़ेब ने कहा था कि पीएम शरीफ़ आठ फ़रवरी को तुर्की दौरे पर रवाना होंगे और वह भूकंप में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना जताएंगे.

लेकिन शहबाज़ शरीफ़ को जिस दिन जाना था, उसी दिन पाकिस्तान की ओर से कहा गया कि प्रधानमंत्री का तुर्की दौरा स्थगित कर दिया गया है.

इस घोषणा के कुछ दिन बाद ही एक बार फिर शहबाज़ शरीफ़ के तुर्की दौरे पर जाने की ख़बर आई है.

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के मुताबिक़, पीएम शहबाज़ शरीफ़ 16 - 17 फ़रवरी को तुर्की दौरे पर रहेंगे.

इस यात्रा के दौरान शहबाज़ शरीफ़ तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन से भी मिलेंगे.

विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक़, शरीफ़ इस मुश्किल वक़्त में तुर्की के साथ खड़े रहने की बात को दोहराएंगे.

इसके साथ ही पाकिस्तान तुर्की की हर संभव मदद करने की भी कोशिश करेगा.

अपने दौरे में शरीफ़ तुर्की के भूकंप प्रभावित इलाक़ों में भी जाएंगे. शरीफ़ ने छह फ़रवरी को रेचेप तैय्यप अर्दोआन से फ़ोन पर बात की थी और राहत और बचाव कार्य में मदद करने का आश्वासन दिया था.

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि तुर्की और पाकिस्तान के रिश्ते गहरे हैं और दोनों मुल्क हर मुश्किल वक़्त में एक-दूसरे के साथ खड़े रहेंगे.

शरीफ़ का दौरा रद्द होने पर कैसी प्रतिक्रिया रही थी?

भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त रहे अब्दुल बासित का कहना है कि जिस तरह से तुर्की का दौरा प्लान किया गया और जिस तरह से रद्द करना पड़ा वह पाकिस्तान के लिए शर्मनाक है.

बासित ने कहा था कि 'यह तुर्की दौरे का सही मौक़ा नहीं था. लेकिन पाकिस्तान ने ऐसा पहली बार नहीं किया है. तुर्की में पाकिस्तान के राजदूत रहे करामतुल्लाह गोरी ने एक बार बताया था कि 1999 में तुर्की में इसी तरह का भूकंप आया था. तब प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ थे.

तब नवाज़ शरीफ़ ने भी तुर्की जाकर संवेदना व्यक्त करने का फ़ैसला किया था. सरताज़ अज़ीज़ तब विदेश मंत्री थे और वह नवाज़ शरीफ़ को तुर्की जाने से मना कर रहे थे. उनका कहना था कि यह सही वक़्त नहीं है.' (bbc.com/hindi)

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