खेल
SARTAJ ALAM
-मोहम्मद सरताज आलम
मलेशिया में आयोजित 14वीं एशियाई लॉन बॉल चैंपियनशिप में भारतीय महिला टीम ने गोल्ड मेडल हासिल किया.
चार खिलाड़ियों की इस टीम में झारखंड से रूपा रानी तिर्की और लवली चौबे के अलावा दिल्ली की पिंकी कुमारी और असम की नैनमनी सेकिया ने भारत के लिए गोल्ड जीता.
फाइनल मैच के पहले राउंड में भारतीय टीम को मलेशिया से हार का सामना करना पड़ा.
लेकिन भारतीय टीम ने अपने शानदार खेल का प्रर्दशन करके फाइनल में मलेशिया को 17-16 से पराजित करते हुए 14वीं एशियाई लॉन बॉल चैंपियनशिप का खिताब जीता.
जबकि इस भारतीय महिला टीम ने सेमीफाइनल में हॉन्ग कॉन्ग को 14-11 से पराजित किया था.
झारखंड की रहने वाकी वाली रूपा रानी तिर्की रामगढ़ में डीएसओ के पद पर कार्यरत हैं. वह पूर्व में कबड्डी खेलती थीं. लेकिन वर्ष 2008 में लॉनबॉल कोच मधुकांत पाठक ने रूपा रानी व लवली चौबे को लॉनबॉल से जोड़ा.
साल 2008 से पहले लवली चौबे लॉंग जम्प की खिलाड़ी थीं.
कोच मधुकांत पाटक कहते हैं, "मैंने दोनो खिलाड़ियों में 'हेड-आई कोऑर्डिनेशन और माइंड सेट का ज़बरदस्त संतुलन देखा जो लॉनबॉल के लिए अत्यंत ज़रूरी है. इस प्रतिभा ने रूपा रानी को दूसरी बार व लवली चौबे को तीसरी बार एशियन चंपियनशिप में गोल्ड मेडलिस्ट बनाया."
कोच आगे कहते हैं, "पिछले वर्ष कॉमनवेल्थ में भी दोनो चैंपियन बनीं. अत: भारत की इन बेटियों की बड़ी जीत के बाद भारत में लॉनबॉल का भविष्य उज्ज्वल होगा."
मधुकांत पाठक कहते हैं कि "झारखंड में लॉन बॉल ने रफ्तार पहले ही पकड़ ली थी, आज मेरी एकेडमी में 63 खिलाड़ी अभ्यास कर रहे हैं."
34 वर्षीय रूपा रानी की बड़ी बहन रीमा रानी तिर्की ने बीबीसी से बातचीत के दौरान अपनी खुशी ज़ाहिर करते हुए कहा "लॉन बॉल में पहले भी खिलाड़ी प्रदर्शन करते थे लेकिन मेडल प्राप्त नहीं होता था. लेकिन रूपा रानी और लवली चौबे का लॉन बॉल में बढ़ते एक्सपीरियंस ने आज देश को गोल्ड दिया. जो भारत में इस नए खेल का उज्ज्वल भविष्य तय करेगा."(bbc.com/hindi)