अंतरराष्ट्रीय
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने संकेत दिए हैं कि 14 मई को देश में चुनाव हो सकते हैं.
अर्दोआन चुनाव करवाने के अपने पिछले इरादे पर कायम हैं. तुर्की में आए भूकंप के बाद नियत समय पर चुनाव कराने को लेकर कई तरह की आशंकाएं जताई जा रही थीं.
इस भीषण भूकंप में 45 हज़ार लोगों की मौत हुई है.
अर्दोआन ने बुधवार को इस बारे में कहा, ''जो ज़रूरी है, देश 14 मई को वो करेगा. इंशाअल्लाह.''
अर्दोआन ने कहा, ''जहाँ इमारतें गिरी हैं, वहाँ हम और बेहतर इमारतें बनाएंगे. हम लोगों के दिलों को जीतेंगे और आवाम के लिए नया भविष्य रखेंगे.''
ये बातें अर्दोआन ने संसद में अपनी पार्टी के सांसदों से बात करते हुए कही.
तुर्की में आगामी चुनावों को अर्दोआन का सबसे बड़ा राजनीतिक संकट माना जा रहा है.
भूकंप आने के बाद से ही कहा जा रहा था कि चुनाव साल के अंत तक के लिए टाले जा सकते हैं. पहले ये चुनाव तुर्की में 18 जून को होने थे.
भूकंप आने से पहले अर्दोआन की लोकप्रियता में लगातार कमी देखी गई है. इसकी वजह बढ़ती महंगाई, तुर्की की मुद्रा लीरा में गिरावट भी रही.
2018 के राष्ट्रपति चुनाव में 10 भूकंप ग्रस्त प्रांतों में अर्दोआन को 55 फ़ीसदी वोट मिले थे.
सत्ता में अर्दोआन का उदय 20 साल पहले हुआ था.
तत्कालीन सरकार को भी 1999 भूकंप के बाद के हालात, महंगाई और भ्रष्टाचार से निपटने के मुद्दे पर आलोचना का सामना करना पड़ा था. (bbc.com/hindi)