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जो बाइडन: दोबारा राष्ट्रपति बनने की राह में क्या रोड़ा बनेगी 80 पार की उम्र?
27-Apr-2023 11:17 AM
जो बाइडन: दोबारा राष्ट्रपति बनने की राह में क्या रोड़ा बनेगी 80 पार की उम्र?

-एंथनी ज़र्चर

कहावत है- वक़्त किसी के लिए नहीं ठहरता और 80 साल के जो बाइडन के लिए ये बात मुश्किल की वजह बन सकती है.

क्या अमेरिकी राष्ट्रपति वोटरों को ये भरोसा दे पाएंगे कि उनकी उम्र कोई मुद्दा नहीं है.

बाइडन ने मंगलवार को कहा कि वो चार और साल व्हाइट हाउस में रहना चाहते हैं. लेकिन एबीसी न्यूज़ के एक पोल से पता चलता है कि अमेरिकी इसे लेकर संतुष्ट नहीं हैं.

सर्वे के मुताबिक 70 प्रतिशत अमेरिकी और 51 प्रतिशत डेमोक्रेट्स को लगता है कि उन्हें फिर से चुनाव नहीं लड़ना चाहिए. जो लोग नहीं चाहते कि वो चुनाव के मैदान में उतरें, उनके लिए सबसे बड़ी चिंता में से एक है बाइडन की उम्र.

बाइडन अमेरिकी इतिहास के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति हैं. अगर वो फिर से चुनाव जीतते हैं तो अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत करते वक़्त वो 82 साल के होंगे और कार्यकाल ख़त्म होने तक उनकी उम्र होगी 86 साल.

कमला हैरिस का सहारा?
अमेरिकी सरकार के आकड़ों के अनुसार 82 साल के किसी व्यक्ति की औसतन बाकी उम्र 6.77 साल है. इस उम्र के किसी व्यक्ति के साथ आठ प्रतिशत आशंका इस बात की होती है कि अगले 12 महीने में उनकी मौत हो जाए.

जिन वीडियो में उन्होंने "पर्सनल फ़्रीडम" की बात की और रिपब्लिकन विरोधियों से ख़तरे के बारे में बताया, उसमें उनकी उम्र का ज़िक्र नहीं था. यही नहीं, वीडियो में इस्तेमाल किए गए फुटेज में वो जॉगिंग करते औऱ म्यूज़िक का मज़ा लेते दिख रहे हैं.

इस वीडियो में उप राष्ट्रपति कमला हैरिस को भी प्रमुखता से दिखाया गया है. अगर बाइडन काम करने के काबिल नही रहते तो कमला हैरिस को राष्ट्रपति की जिम्मेदारी संभालनी होगी.

बाइडन की टीम उम्मीद कर सकती है कि 58 साल की कमला हैरिस की मौजूदगी उनके कैंपेन में थोड़ी जीवंतता और ऊर्जा ला सकती हैं.

इस बात पर गौर किया जाना चाहिए कि 2012 में जब बराक ओबामा दोबारा दावेदारी पेश कर रहे थे तब उनके वीडियो में तत्कालीन उपराष्ट्रपति बाइडन नहीं थे.

उम्र से जुड़े सवालों का क्या जवाब है?

सेंटर फ़ॉर द पॉलिटिकल फ़्यूचर के डायरेक्टर और डेमोक्रेट्स अल गोर और जॉन केरी के सीनियर कैंपेन एडवाइज़र रहे वरिष्ठ राजनीतिक सलाहकार बॉब श्रुम कहते हैं कि ये वीडियो काफी नहीं होगा.

वो कहते हैं, "आप ज़ोरदार कैंपेन चलाकर उम्र से जुड़े सावालों का जवाब देते हैं. आप इसके बारे में बात करते हुए इसका जवाब नहीं देते."

उन्होंने कहा कि उम्र का मुद्दा तभी मुसीबत बनेगा अगर बाइडन कोई 'गंभीर' गलती करते हैं या फिर कैंपेन के दौरान कहीं लड़खड़ा जाते हैं. अगर ऐसा हुआ तो रिपब्लिकन, जो कि बाइडन की हर गलती पर नज़र रखते हैं - वो बाइडन के ख़िलाफ़ एक मज़बूत केस बना देंगे कि वो राष्ट्रपति पद के लिए फ़िट नहीं हैं.

पिछले साल रिपब्लिकन पार्टी के 54 प्रतिनिधियों ने निचले सदन में एक चिट्ठी लिखकर बाइडन की अवस्था पर 'चिंता'व्यक्त की और कहा था कि बाइडन को डिमेंशिया टेस्ट करना चाहिए.

इस चिट्ठी में बतौर राष्ट्रपति बाइडन की कई गलतियों का उल्लेख किया गया था. चिट्ठी में लिखा गया, "हाल की गलतियां अपने आप में अलग अलग बात नहीं है, वो एक बड़ी गिरावट का हिस्सा हैं जो उनकी लगातार गिरती अवस्था को दिखाती है."

पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी कई बार ऐसी 'चिंता' जाहिर कर चुके हैं. वो रिपब्लिकन पार्टी की ओर से 2024 में उम्मीदवार बनने के लिए प्रमुख दावेदार हैं. पिछले साल मिड टर्म चुनाव के दौरान ट्रंप ने बाइडन के लड़खड़ाने का एक वीडियो बार-बार दिखाया था.

ट्रंप ने एरिज़ोना में रैली में कहा था, "जो बाइडन साफ़ साफ़ बोल नहीं सकते. वो ठीक से सोच नहीं सकते."

ट्रंप की भी उम्र कम नहीं
बराक ओबामा 2012 में जब दूसरे कार्यकाल के लिए चुनाव मैदान में थे, तब उनके कैंपेन का हिस्सा रहीं जिम मेसिना मानती हैं कि डेमोक्रेट इस मुद्दे को हवा करने के लिए ट्रंप का सहारा तलाश सकते हैं. बाइडन से ट्रंप सिर्फ़ चार साल छोटे हैं.

बीबीसी से बात करते हुए मेसीना ने कहा, "वोटर कहते हैं कि दोनो बूढ़े हैं."

"अब बताएं कि कौन मेरा जीवन बेहतर बनाएगा."

"डेमोक्रेट्स हर रात एक काम करते हैं. हम अपने घुटनों पर बैठते हैं, और भगवान से दुआ करते हैं कि ट्रंप रिपब्लिकन के उम्मीदवार बने."

बाइडन की उम्र को लेकर सवाल चार साल पहले भी उठे थे. हालांकि कोविड के कारण प्रत्याशी उस तरीके से लोगों के सामने नहीं आए जैसे आमतौर पर होता है, अंत में उम्र एक बड़ा फ़ैक्टर नहीं बनी और बाइडन की जीत या ट्रंप की हार में इसकी भूमिका न के बराबर थी.

राष्ट्पति होने का कितना मिलेगा फ़ायदा
बाइडन को चुनाव अभियान में अपने राष्ट्रपति होने का फ़ायदा मिलेगा. उनकी यात्रा एयरफ़ोर्स वन से होगी. राजनीतिक इवेंट बेहतरीन तरीके से प्लान किए जाएंगे, उन्हें प्रोफ़ेशनल कैंपेन स्टाफ़ से साथ राष्ट्रपति की सुरक्षा से मदद मिलेगी.

यह एक बहुत ही अलग प्रकार का अनुभव है. उनके प्रतिद्वंद्वियों को न्यू हैम्पशायर और आयोवा की बर्फ में कैंपेन करना है. आमतौर पर यहां का बजट कम होता है और प्रतिस्पर्धा बहुत तगड़ी.

बाइडन को अपने विरोधियों के मुकाबले लक्ज़री मिलेगी. एबीसी के पोल में बाइडन के लिए उम्मीद की थोड़ी किरण है. उसके मुताबिक अगर बाइडन फिर से चुनाव लड़ते हैं तो 88 प्रतिशत डेमोक्रेट मुमकिन है कि अपने प्रत्याशी का साथ देंगे.

श्रुम कहते हैं, "बाइडन का हौसला बुलंद है."

"बाइडन को 2020 में कमतर आंका गया था. लोगों ने उन्हें छोटे चुनावों के मद्देनज़र ख़ारिज कर दिया था, बाद में उन्होंने ऐतिहासिक जीत हासिल की." (bbc.com/hindi)

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