अंतरराष्ट्रीय
नई दिल्ली, 27 अप्रैल । अमेरिका के कैलिफोर्निया की सीनेट ज्यूडिशियरी कमेटी ने सर्वसम्मति से जाति आधारित भेदभाव ख़त्म करने वाले एक विधेयक को मंजूरी दी है.
हालांकि अमेरिका में रह रहे भारतीय मूल के कारोबारियों और हिंदुओं के कई धार्मिक संगठनों ने इस कदम का विरोध किया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया है कि मंगलवार को कैलिफोर्निया सीनेट ज्यूडिशियरी कमेटी ने सर्वसम्मति से ऐसे एक विधेयक को 'हां' कहा है.
यदि यह क़ानून बन जाता है तो पहली बार होगा कि किसी अमेरिकी राज्य में जाति आधारित भेदभाव पर कानून बनाकर प्रतिबंध लगा दिया गया हो.
एनबीसी न्यूज़ के अनुसार, जाति आधारित भेदभाव पर प्रतिबंध लगाने के इरादे से एसबी403 नामक एक विधेयक को सीनेट की ज्यूडिशियरी कमेटी ने 8-0 से पारित कर दिया है.
इस तरह यह राज्य इस तरह का भेदभाव ख़त्म करके अमेरिका का पहला राज्य बनने से महज एक कदम दूर है.
तेनमोझी सौंदर्यराजन, जातिगत भेदभाव ख़त्म करने के लिए काम करने वाली संस्था इक्वलिटी लैब्स की संस्थापक और एक दलित एक्टिविस्ट हैं.
उन्होंने बताया, "आज मैं जाति व्यवस्था से उत्पीड़ित अपने समाज के सदस्यों और जाति समानता के लिए काम करने वाले लोगों के समर्थन में गर्व के साथ खड़ी हूं. मैं कह रही हूं कि जातिगत भेदभाव से पीड़ित कैलिफोर्निया अब इसके लिए कानून बनाने से महज एक कदम दूर है."
सौंदर्यराजन ने कहा कि इस विधेयक की बहुत ज़रूरत है.
उनकी संस्था इक्वलिटी लैब्स ने पूरे अमेरिका में जाति आधारित भेदभाव पर रोक लगाने के लिए सालों से आंदोलन चला रही है.
दूसरी ओर 'हिंदू पैक्ट' नाम की संस्था के संयोजक अजय शाह ने इसका विरोध करते हुए इसे रोकने की मांग की है.
संस्था ने इस बारे में एक बयान भी जारी किया है. (bbc.com/hindi)