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अली काज़मी
इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी की ख़बर आते ही उनकी पार्टी तहरीक-ए- इंसाफ़ के प्रदर्शनकारी लाहौर में इमरान ख़ान के घर के बाहर इकट्ठा हुए.
इसके अलावा शहर के लिबर्टी चौक पर भी प्रदर्शनकारियों से जुटने का आह्वान किया गया था.
पीटीआई के कार्यकर्ता अक्सर यहां प्रदर्शन करते रहे हैं. जब पाकिस्तान में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था तब भी पीटीआई कार्यकर्ताओं ने लिबर्टी चौक पर प्रदर्शन किया था.
ये माना जा रहा था कि पिछली बार की तरह इस बार भी लिबर्टी चौक पर ही प्रदर्शनकारी जमा होंगे.
शाम चार बजे के बाद ज़मान पार्क में इमरान ख़ान के घर के बाहर पीटीआई कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच ज़बरदस्त हिंसा हुई है.
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया है. धीरे-धीरे प्रदर्शनकारियों की तादाद बढ़ती गई. इमरान ख़ान के घर से एक सड़क सीधे लाहौर कैंट की तरफ़ जाती है.
इमरान ख़ान के घर पर जुटे प्रदर्शनकारियों ने लाहौर कैंट की तरफ़ चलना शुरू कर दिया. रास्ते में चलते हुए प्रदर्शनकारी कह रहे थे कि वो कैंट में घुस जाएंगे.
सेना की छावनी में घुसे इमरान समर्थक
इस दौरान जिन प्रदर्शनकारियों से बीबीसी की बात हुई उनका कहना था कि जो घटनाक्रम हुआ है उसके लिए पाकिस्तान की सेना ज़िम्मेदार है.
शाम पांच बजे के क़रीब प्रदर्शनकारी एक गेट से लाहौर कैंट के अंदर दाख़िल हो गए.
यहां सेना की एक बड़ी चौकी है. यहां लाहौर कैंट में दाख़िल होने वाले वाहनों और लोगों की गहन सुरक्षा जांच की जाती है. यहां सेना का सख़्त नियंत्रण रहता है.
लेकिन जब बीबीसी की टीम यहां पहुंची तो पुलिस या सेना का कोई जवान मौजूद नहीं था. अर्धसैनिक बलों का भी कोई जवान यहां नहीं था.
पीटीआई के कार्यकर्ता आराम से लाहौर कैंट के भीतर दाख़िल हो रहे थे. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सुरक्षा बैरियर हटा दिए और यहां आगजनी शुरू कर दी.
पुलिस की जो गाड़ियां लाहौर कैंट के पास मौजूद थी उन्हें प्रदर्शनकारियों ने जला दिया.
लाहौर कैंट में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें भी हुई हैं. गाड़ियों को आग लगाने के दौरान कई धमाके भी हुए.
हिंसक भीड़, पुलिस पीछे हटी
भीड़ के हिंसक होने के बाद यहां पुलिस को पीछे हटना पड़ा.
कैंट में दाख़िल होने के बाद प्रदर्शनकारियों का इरादा यहां के कोर कमांडर के घर में दाख़िल होने का था. इस भीड़ में अधिकतर प्रदर्शनकारी युवा था और वो बहुत आक्रोश में नज़र आ रहे थे.
हालांकि धीरे-धीरे परिवार भी इस प्रदर्शन में शामिल हो रहे थे.
जब बीबीसी टीम कोर कमांडर के घर पहुंची तो देखा कि उसके मुख्य दरवाज़े को तोड़ दिया गया था, बड़ी तादाद में प्रदर्शनकारी वहां मौजूद थे. यहां गाड़ियों को जलाया गया था और घर में आगजनी भी की गई थी.
इस दौरान बीबीसी की टीम को कैंट के किसी चौराहे या सुरक्षा चौकी पर सेना के जवान नहीं नज़र आए.
किसी भी जगह ऐसा नहीं लगा कि सेना ने इन प्रदर्शनकारियों को किसी तरह से रोकने की कोशिश की हो.
शाम ढलने के बाद भी प्रदर्शनकारी कैंट के भीतर मौजूद थे. ये अप्रत्याशित और अभूतपूर्व स्थिति है.
ये माना जा रहा था कि प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ ऑपरेशन होगा लेकिन सेना की तरफ़ से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. हो सकता है रात में या कल सुबह सेना कोई एक्शन ले.(bbc.com/hindi)