अंतरराष्ट्रीय
अरब लीग ने सीरिया को 12 साल पहले अपने संगठन से निकाल दिया था. लेकिन अब सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद इस सम्मेलन में हिस्सा लेने जा रहे हैं.
सीरिया में लोकतंत्र समर्थकों पर दमन के बाद अरब लीग ने सीरिया की सदस्यता ख़त्म कर दी थी. सीरिया में लोकतंत्र समर्थकों के प्रदर्शन के बाद भड़के गृह युद्ध में पांच लाख लोगों की मौत हो चुकी है.
गृह युद्ध की वजह से सीरिया की 2.20 करोड़ की आबादी में से आधी को अपना घर छोड़ कर भागना पड़ा था. देश के अंदर ही लगभग 68 लाख लोग विस्थापित हुए हैं.
सीरिया को इस महीने अरब लीग में फिर से शामिल किया गया था क्योंकि विपक्ष का समर्थन करने वाले देशों ने अब ये मान लिया है कि सत्ता पर असद की पकड़ काफ़ी मज़बूत है. इनमें सम्मेलन का मेज़बान देश सऊदी अरब भी शामिल है.
अरब लीग के देशों में समझौते का दौर तब शुरू हुआ जब इस साल फ़रवरी में आए भूकंप ने तुर्की और उत्तरी-पश्चिमी सीरिया में भारी तबाई मचाई. इस दौरान सीरिया के ख़िलाफ़ रहे कई देशों ने उसे मानवीय सहायता पहुंचाना शुरू किया था.
इस बीच, चीन ने सऊदी अरब और ईरान के बीच समझौता करवा कर खाड़ी के देशों की आपसी दुश्मनी कम करने की दिशा में अहम पहल की.