अंतरराष्ट्रीय
ईरानी राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने बुधवार को इसराइल-गज़ा संघर्ष को लेकर फोन पर बातचीत की.
ईरान और सऊदी अरब के सरकारी मीडिया ने ये जानकारी दी है.
बीते सात सालों से दोनों देशों के बीच राजनयिक रिश्ते नहीं थे, चीन की मध्यस्थता के बाद इस साल मार्च में दोनों देशों के बीच रिश्ते बहाल हुए. उसके बाद ईरान और सऊदी अरब के नेताओं के बीच की गई ये पहली फ़ोन कॉल है.
ईरानी मीडिया ने बताया कि रईसी और क्राउन प्रिंस ने "फ़लस्तीन के ख़िलाफ युद्ध अपराधों को ख़त्म करने की आवश्यकता" पर चर्चा की.
सऊदी अरब की सरकारी समाचार एजेंसी एसपीए के अनुसार, "सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस ने कहा कि किंगडम मौजूदा तनाव को रोकने के लिए सभी अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों के साथ बात करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है. "
“उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करने की ज़रुरत पर ज़ोर दिया और गज़ा में गंभीर मानवीय संकट और आम लोगों पर इसके असर पर गहरी चिंता व्यक्त की.”
क्राउन प्रिंस ने इस बातचीत में कहा कि सऊदी अरब फ़लस्तीनी लोगों के अधिकारों को सुनिश्चित करने वाली व्यापक और निष्पक्ष कोशिशों का समर्थन करता है.
ईरान और सऊदी अरब के बीच ये बातचीत इसलिए अहम है क्योंकि इस साल की शुरुआत तक मध्य पूर्व के ये दो देश कड़े प्रतिद्वंद्वी थे, दोनों के बीच राजनयिक रिश्ते तक नहीं थे लेकिन मार्च में दोनों देशों ने दोस्ती का हाथ बढ़ाया.
चीन की मध्यस्थता के साथ सऊदी अरब और ईरान ने कूटनीतिक रिश्ते बहाल करने की अप्रत्याशित घोषणा की.
साल 2016 में एक शिया धर्मगुरू को फांसी देने की घटना के बाद ईरान और सऊदी अरब के रिश्ते टूट गए थे. इसके बाद से सुन्नी बहुल सऊदी अरब और शिया बहुल ईरान के बीच भारी तनाव रहा है. लेकिन इस साल दोनों देशों के रिश्ते फिर पटरी पर आ रहे हैं. (bbc.com/hindi)