अंतरराष्ट्रीय
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने कहा कि इसराइल पर हमास के हमले के बाद इसराइल की ग़ज़ा की घेराबंदी और बमबारी 'सामूहिक नरसंहार' है.
तुर्की ने इसराइल-हमास के संघर्ष के बीच मध्यस्थता करने में भूमिका निभाने की बात कही है.
अर्दोआन और उनके विदेश मंत्री ने इस क्षेत्र के नेताओं, अमेरिका और अन्य से इस संबंध में बातचीत की है. हालांकि, तुर्की में इसराइल के राजदूत का कहना है कि ये मध्यस्थता के बारे में बात करना जल्दबाजी है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, अर्दोआन ने संसद में कहा कि यहां तक कि युद्ध में भी 'नैतिकता' होती है लेकिन शनिवार के बाद से जो हुआ उसने उस नैतिकता का 'उल्लंघन' किया.
अर्दोआन ने गज़ा में बिजली ठप करने, पानी की आपूर्ति रोकने और ढांचों को नुकसान पहुंचाने की इसराइली कार्रवाई का हवाला देते हुए कहा, "लोगों को उनकी बुनियादी ज़रूरतें भी पूरा नहीं करने देना और नागरिकों के घरों को निशाना बनाना युद्ध नहीं है बल्कि नरसंहार है."
तुर्की पूर्व में भी फ़लस्तीन का समर्थन करता रहा है और हमास के सदस्यों की मेजबानी भी की है. लेकिन इसराइल के साथ इस बीच संबंधों को ठीक करने की कोशिशें भी हुई है.
यूरोपीय यूनियन और अमेरिका की तरह तुर्की हमास को चरमपंथी संगठन नहीं मानता है.
अर्दोआन ने कहा कि हमास के हमले के बाद इसराइल ने 'जिस पैमाने पर हमला किया' वो किसी भी नैतिक आधार से परे' है.
इसराइली सेना के मुताबिक, 1200 लोगों की मौत हुई है और 2700 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं.
वहीं, फ़लस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि चार दिन से गज़ा में इसराइल के हमलों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 1055 हो गई है और करीब 4500 लोग घायल हुए हैं.(bbc.com/hindi)