अंतरराष्ट्रीय
ग़ज़ा के स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया है कि एक अस्पताल पर इसराइल के हवाई हमले में क़रीब 500 लोगों की मौत हो गई है.
बीबीसी इंटरनेशनल एडिटर जेरेमी बोवेन ने बताया है कि फ़ोन पर उन्हें इसराइली सेना के प्रवक्ता के कार्यालय ने कहा, "अस्पताल बेहद संवेदनशील इमारत होती है और वो आईडीएफ़ का निशाना नहीं है. आईडीएफ़ विस्फोट के सोर्स की जांच कर रहा है."
वहीं, आईडीएफ़ ने ट्विटर पर एक बयान में कहा, "उनका मानना है कि अल अहली अस्पताल पर हुआ हमला फ़लस्तीनी मिलिटेंट्स द्वारा दागे गए रॉकेट का नतीजा है."
ग़ज़ा में हमास के मीडिया कार्यालय ने इस हमले को 'युद्ध अपराध' बताया है. एक बयान में कहा गया, "अस्पताल में सैकड़ों की संख्या में बीमार, घायल और ग़ज़ा पर इसराइली हमले के बाद बेघर हुए लोग मौजूद थे. सैकड़ों पीड़ित मलबे के नीचे दबे हैं."
बीबीसी के मिडिल ईस्ट संवाददाता टॉम बैटमैन ने बताया है कि अल अहली अरब अस्पताल से आ रही तस्वीरें भयावह हैं. शव और क्षतिग्रस्त वाहन सड़कों के बाहर देखे जा रहे हैं.
स्थानीय लोगों ने बताया है कि अस्पताल के एक हॉल में हमले से बचने के लिए लोगों ने शरण ले रखी थी. बीबीसी ने अस्पताल के एक डॉक्टर से बात की है. उन्होंने बताया है कि यहां करीब 4,000 लोग शरण लिए हुए थे.
उन्होंने कहा है कि अब अस्पताल में 80 फ़ीसदी सेवाएं प्रभावित हैं और सैकड़ों लोग विस्फोट के बाद या तो मारे गए हैं या घायल हैं. फ़लस्तीनी मीडिया में आई ख़बरों में बताया गया है कि फ़लस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने अस्पताल पर हुए हमले के बाद तीन दिन के शोक की घोषणा की है.
डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस ऐडहेनॉम गेब्रीयेसोस ने अस्पताल पर हुए हमले की निंदा की है.
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "डब्ल्यूएचओ अल अहली अरब अस्पताल पर हुए हमले की निंदा करता है. शुरुआती जानकारियां सैकड़ों लोगों के घायल होने और मरने की तरफ़ इशारा करते हैं. हम तत्काल आम नागरिकों की सुरक्षा और उन्हें स्वास्थ्य सेवाएं मिले, इसकी मांग करते हैं."
अल अहली अस्पताल को एंगलिकन चर्च की तरफ़ से फंड मिलता है. यरुशलम में एंगलिकन चर्च के शीर्ष अधिकारियों में से एक सेंट जॉर्ज कॉलेज के डीन कैनन रिचर्ड सेवेल ने बताया है कि उन्हें जहां तक पता है, उसके अनुसार करीब 6,000 लोग इस अस्पताल में शरण भी लिए हुए थे.