अंतरराष्ट्रीय
मिस्र ने ग़ज़ा में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए रफ़ाह क्रॉसिंग खोलने पर सहमति जताई है.
इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू से मुलाक़ात के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पहले ये घोषणा की थी. अब मिस्र ने इसकी पुष्टि कर दी है.
मिस्र के राष्ट्रपति के प्रवक्ता अहमद फ़हमी ने कहा, "मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फ़तेह अल-सीसी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन रफ़ाह टर्मिनल के जरिए ग़ज़ा में मानवीय सहायता पहुंचाने पर सहमत हैं."
ग़ज़ा पट्टी में मानवीय मदद पहुंचाने की जुगत लगा रही अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां भी अपने ट्रकों को इस क्रॉसिंग के ज़रिए ही ग़ज़ा के अंदर ले जा सकती हैं.
इसराइल दौरे पर आए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि वे "इन मुश्किल भरे दिनों में इसराइल के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेंगे."
उन्होंने कहा, “इसराइल, आप अकेले नहीं हैं. इसराइल एक सुरक्षित यहूदी लोकतंत्र बना रहेगा. आज, कल और हमेशा.” जो बाइडन ने ये भी कहा कि वो "फ़लस्तीनी लोगों के लिए भी दुखी हैं."
बाइडन ने एक ट्वीट में कहा, "मैं ये बात स्पष्ट कर दूं कि बड़ी संख्या में फ़लस्तीनी हमास नहीं हैं. और हमास फ़लस्तीनी लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है."
रफ़ाह क्रॉसिंग कहां है?
रफ़ाह क्रॉसिंग ग़ज़ा पट्टी के दक्षिण में स्थित एक बॉर्डर क्रॉसिंग है. यह ग़ज़ा पट्टी को मिस्र के सिनाई रेगिस्तान से जोड़ती है.
ग़ज़ा पट्टी क्षेत्र में इसके अतिरिक्त इरेज़ और केरेम शलोम नामक दो अन्य बॉर्डर क्रॉसिंग हैं. इनमें से इरेज़ क्रॉसिंग उत्तरी ग़ज़ा को इसराइल से जोड़ती है. केरेम शलोम भी इसराइल और ग़ज़ा के बीच स्थित क्रॉसिंग है लेकिन इसका इस्तेमाल सिर्फ़ व्यापारिक गतिविधियों के लिए किया जाता है.
हमास के ख़िलाफ़ इसराइल की जवाबी कार्रवाई शुरु होने के बाद से ये दोनों बॉर्डर क्रॉसिंग बंद हैं.
इसराइल पर हमास के हमले के कुछ दिन बाद ही इसराइल ने घोषणा की थी कि इरेज़ और केरेम शलोम क्रॉसिंग को अगली सूचना मिलने तक बंद रखा जाएगा.
ऐसे में रफ़ाह क्रॉसिंग आम फ़लस्तीनी लोगों के लिए ग़ज़ा पट्टी से बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता बन गया है.