अंतरराष्ट्रीय
मंगलवार को ग़ज़ा के अल अहली अस्पतालमें हुए धमाके में मरने वालों की संख्या 471 बताई गई है. फ़लस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इसमें 314 लोग घायल हुए हैं.
इस धमाके के लिए हमास ने इसराइल को ज़िम्मेदार ठहराया है जबकि इसराइल ने इससे इनकार करते हुए कहा कि ग़ज़ा से ही दाए गए रॉकेट के मिस फ़ायर होने की वजह से ये घटना घटी है.
बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन इसराइल पहुंचे और ग़ज़ा और पश्चिमी तट के फ़लस्तीनी क्षेत्रों के लिए 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर की मदद की घोषणा की.
उन्होंने इसराइल को पूरा समर्थन देने की बात कही और बताया कि इसराइली कैबिनेट, मिस्र से ग़ज़ा में मदद आने देने के लिए तैयार हो गई है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि इसराइल के लिए भी ‘डिफ़ेंस पैकेज का एलान करता हूँ. इसके लिए मैं कांग्रेस में चर्चा करूंगा.’
उधर अल अहली अस्पताल में भीषण हादसे के बाद जॉर्डन में मिस्र के राष्ट्रपति अल सीसी, फ़लस्तीनी प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास से मुलाक़ात रद्द होने के कारण बाइडेन तेल अवीव से वापस लौट गए हैं.
इसराइल के कब्ज़े वाले फ़लस्तीनी इलाक़े पश्चिमी तट, जॉर्डन, ईरान, ट्यूनिशिया, लेबनान और तुर्की में बड़े पैमाने पर फ़लस्तीनी लोगों के समर्थन में लोग सड़कों पर उतरे.
हालांकि अमेरिका ने अस्पताल में हुए हादसे पर कहा है कि यह काम इसराइल का नहीं बल्कि किसी ‘तीसरी टीम’ का है.
इस घटना ने अरब और पश्चिमी मुल्कों में तनाव को बढ़ा दिया है.
हमास के एक अधिकारी ओसामा हमदान ने लेबनान में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि ‘इसराइल को सपोर्ट करने वाले अमेरिका और पश्चिमी देश, ग़ज़ा में नागरिकों के ख़िलाफ़ युद्ध के लिए पूरी तरह से ज़िम्मेदार हैं.’
सात अक्टूबर को इसराइल पर हमास की ओर से हुए घातक हमले के बाद से इसराइल ग़ज़ा पर लगातार हवाई हमले कर रहा है.
इसराइली सेना ने उत्तरी ग़ज़ा के 11 लाख लोगों को दक्षिण में चले जाने की चेतावनी थी. (bbc.com/hindi)