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इसराइल के ज़मीनी हमले की आशंकाओं के बीच फ़लस्तीनी ग़ज़ा पट्टी से सुरक्षित बच निकलने के लिए रफ़ाह क्रॉसिंग पहुंच रहे हैं.
रफ़ाह क्रॉसिंग ग़ज़ा पट्टी के दक्षिण में स्थित एक बॉर्डर क्रॉसिंग है. यह ग़ज़ा पट्टी को मिस्र के सिनाई रेगिस्तान से जोड़ता है.
ग़ज़ा पट्टी क्षेत्र में इसके अतिरिक्त इरेज़ और केरेम शलोम नामक दो अन्य बॉर्डर क्रॉसिंग हैं. इनमें से इरेज़ क्रॉसिंग उत्तरी ग़ज़ा को इसराइल से जोड़ता है.
केरेम शलोम भी इसराइल और ग़ज़ा के बीच स्थित क्रॉसिंग है लेकिन इसका इस्तेमाल सिर्फ़ व्यापारिक गतिविधियों के लिए किया जाता है. इसराइल के हमास के ख़िलाफ़ जवाबी कार्रवाई शुरू करने के बाद से ये दोनों बॉर्डर क्रॉसिंग बंद हैं.
आम तौर पर फ़लस्तीनियों के लिए रफ़ाह क्रॉसिंग के ज़रिए निकलना आसान नहीं होता. जो यहां से निकलना चाहते हैं तो उन्हें चार सप्ताह पहले स्थानीय फ़लस्तीनी अधिकारियों के पास रजिस्ट्रेशन कराना होता है. उनके ये आवेदन फ़लस्तीनी अधिकारी या मिस्र के अधिकारी थोड़े बहुत स्पष्टीकरण के साथ रद्द कर सकते हैं.
इसराइल के ज़मीनी हमले की आशंकाओं के बीच फ़लस्तीनी रफ़ाह क्रॉसिंग के पास जमा हो रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र ने यहां खाद्य पदार्थ और मेडिकल आपूर्ति की व्यवस्था की है.
हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फ़तेह अल-सीसी के रफ़ाह क्रॉसिंग खोलने पर राजी होने के बाद भी ग़ज़ा में मानवीय सहायता शुक्रवार से पहले नहीं पहुंच पाएगी.
बाइडन ने सड़क मरम्मत का हवाला देते हुए पत्रकारों को बताया, "वे पहले सड़क की मरम्मत करेंगे. गड्ढों को भरा जाएगा ताकि उन पर ट्रक गुजर सके. ऐसा होने में करीब आठ घंटे लग जाएंगे. और संभवत: शुक्रवार से पहले तक सहायता न पहुंच पाए." (bbc.com/hindi)