अंतरराष्ट्रीय
Hezbollah Media Office
-जेरेमी बोवेन
एक तस्वीर सामने आई है जिसमें हमास के नेता और इस्लामिक जिहाद के नेता लेबनान में शिया मिलिशिया समूह हिज़बुल्लाह के नेता हसन नरसल्लाह से मुलाकात कर रहे हैं.
हिज़बुल्लाह लेबनान का सबसे मज़बूत संगठन है, यहां तक की लेबनान की सरकार से भी ज़्यादा शक्तिशाली है. जिसे ईरान का समर्थन प्राप्त है.
ईरान हिज़बुल्लाह को इस क्षेत्र में अपनी रक्षा की रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानता है.
हिज़बुल्लाह के पास अलग-अलग तरह के लगभग एक लाख 50 हज़ार मिसाइलें और हजारों प्रशिक्षित लोग हैं. हिज़बुल्लाह के लड़ाके सीरिया में असद शासन की ओर से युद्ध लड़ चुके हैं और उन्हे युद्ध लड़ने का तजुर्बा है.
इसराइल हमास के बीच जारी युद्ध में एक बड़ा डर ये भी माना जा रहा है कि लेबनान में हिज़बुल्लाह और इसराइल के बीच भी युद्ध छिड़ सकता है.
मेरा मानना है कि ये समूह आपस में मिलते रहते हैं लेकिन इन्होंने इस बार तस्वीर जारी करके अपनी मुलाकात को सार्वजनिक किया है. ऐसा लगता है कि वो इस तस्वीर के ज़रिए इसराइल पर दबाव बनाना चाह रहे हैं.
हिज़बुल्लाह को भी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है कि वे इसराइल पर हमला करने की बात करते रहे हैं और अब जब मौका आ गया है, तो कुछ लोग पूछ रहे हैं " क्यों हिज़बुल्ला ऐसा नहीं कर रहा?"
मैंने कई फलस्तीनी लोगों को ये कहते सुना है कि हिज़बुल्लाह ने उन्हें अकेला छोड़ दिया.
हालांकि अभी इस बात के बहुत साफ़ संकेत नहीं हैं कि ईरान ऐसा कुछ चाहता है. ईरान और लेबनान को देखते हुए इस संघर्ष की शुरुआत में ही अमेरिका ने अपनी वॉरशिप भूमूध्य सागर में भेज दी थी. (bbc.com/hindi)