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बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत के ख़िलाफ़ मुक़दमा करने वाले गीतकार जावेद अख़्तर ने मंगलवार को बॉम्बे हाई कोर्ट से कहा कि फ़िल्म अभिनेत्री की याचिका अदालत की कार्यवाही में देरी कराने का तरीक़ा है.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, कंगना ने अपनी याचिका में मानहानि के मुक़दमे पर स्टे ऑर्डर लेने के लिए याचिका दायर की थी.
जावेद अख़्तर ने हाई कोर्ट से अपील की कि कंगना की याचिका ख़ारिज कर दी जाए.
इस महीने की शुरुआत में कंगना ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. उन्होंने हाई कोर्ट से आग्रह किया था कि जावेद अख़्तर के ख़िलाफ़ की गई उनकी शिकायत पर भी इसी मुक़दमे के साथ सुनवाई की जाए.
साल 2020 में जावेद अख़्तर ने कंगना के ख़िलाफ़ आपराधिक मानहानि का ये केस किया था. ये मामला अंधेरी की मैजिस्ट्रेट कोर्ट में चल रहा है.
जावेद अख़्तर के ख़िलाफ़ कंगना की शिकायत पर एक सेशन कोर्ट ने स्टे ऑर्डर दे रखा है.
कंगना ने अपनी याचिका में कहा है कि दोनों ही मामलों की एक साथ सुनवाई की जाए क्योंकि इन दोनों मुक़दमों की बुनियाद साल 2016 की एक मीटिंग में पड़ी थी.
इस पर जावेद अख़्तर ने अपने वकील जय भारद्वाज के ज़रिए अदालत से कहा कि सेशन कोर्ट के स्टे ऑर्डर को कंगना ने चुनौती नहीं दी है और वे बिना किसी आधार के उनके मानहानि के मुक़दमे पर स्टे ऑर्डर मांग रही हैं.
जावेद अख़्तर ने कहा कि ये कुछ भी नहीं बल्कि मुक़दमे को लटकाने का उनका तरीका है. (bbc.com/hindi)