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मालदीव में भारत के उच्चायुक्त रहे ज्ञानेश्वर मनोहर मुले ने मालदीव को लेकर कहा है कि दोनों देशों के बीच बेहद मज़बूत साझेदारी है.
उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “साल 1965 में जब मालदीव को स्वतंत्रता मिली तब से लेकर अब तक द्विपक्षीय रिश्तों में उतार-चढ़ाव रहे हैं और नए शासन के बावजूद भी मुझे लगता है कि एक मज़बूत साझेदारी है.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे पर मालदीव की मंत्री के आपत्तिजनक बयान के बाद दोनों देशों के संबंधों में तनाव है.
इसको लेकर भारतीय उच्चायुक्त ने कहा है, “जब भी ऐसी घटनाएं होती हैं तब इसे एक नई घटना के तौर पर देखा जाता है. मालदीव में कुछ लोग हैं जो मालदीव के लोगों के दिमाग़ को दूषित कर रहे हैं और चीन इसमें एक अहम भूमिका निभा रहा है.आमतौर पर वो मालदीव में रूढ़िवादी तत्वों को हर तरह की मदद देता रहा है.”
“मालदीव में नया आया वर्तमान शासन रूढ़िवादी है लेकिन जैसे-जैसे समय बीतेगा उन्हें एहसास होगा कि भारत के बिना मालदीव के लिए अपने घरेलू मुद्दों, जलवायु परिवर्तन से संबंधित मुद्दों, दिन-प्रतिदिन की ज़रूरतों से निपटना बेहद मुश्किल होगा." (bbc.com/hindi)