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भोपाल, 16 मार्च। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 'गारंटी', अयोध्या में राम मंदिर और कांग्रेस की जाति जनगणना की मांग आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित मध्य प्रदेश में प्रमुख चुनावी मुद्दे होंगे।
मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव चार चरणों में 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, सात मई और 13 मई को होंगे।
मतगणना चार जून को होगी।
लोकसभा चुनाव के लिए राज्य में प्रमुख मुद्दे निम्नलिखित इस प्रकार हैं:
मोदी की गारंटी : राज्य में पिछले वर्ष नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव को अगर संकेतक माना जाए, तो 'मोदी की गारंटी' सत्तारूढ़ दल का सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा होगी। पार्टी गरीबों के लिए मुफ्त अनाज जैसी 'मोदी की गारंटी' और पिछले दस वर्षों में केंद्र सरकार की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने का काम करेगी।
राम मंदिर : भाजपा, अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का श्रेय लेगी और उद्घाटन समारोह का निमंत्रण ठुकराने के लिए कांग्रेस पर हमला बोलेगी। कांग्रेस यह कहकर आलोचना को कुंद करने की कोशिश कर सकती है कि विवादित स्थान पर पहले अस्थायी रामलला मंदिर का ताला तब खोला गया था जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे।
हिंदुत्व : उम्मीद है कि भाजपा बहुसंख्यक समुदाय को साधने के लिए हिंदुत्व के मुद्दे को गर्मायेगी। वरिष्ठ पत्रकार राकेश दीक्षित के अनुसार, कांग्रेस की रणनीति 'नरम हिंदुत्व' को बढ़ावा देने की होगी जैसा कि उसने विधानसभा चुनावों के दौरान किया था।
बेरोजगारी : नौकरियों की कमी के मुद्दे पर कांग्रेस सत्तारूढ़ पार्टी पर निशाना साध सकती है। मध्य प्रदेश में अपनी 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के दौरान राहुल गांधी ने दावा किया कि भारत में बेरोजगारी की स्थिति पाकिस्तान से भी बदतर है।
महंगाई: कांग्रेस महंगाई, खासकर दूध और रसोई गैस जैसी आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों का मुद्दा उठाएगी।
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी): विपक्षी दल ने दावा किया कि वस्तु एवं सेवा कर ने छोटे व्यवसायों को बर्बाद कर दिया है और अंतिम उपभोक्ता के लिए कीमतें बढ़ाकर गरीबों को कड़ी चोट पहुंचाई है।
जाति जनगणना और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) : मध्य प्रदेश की लगभग आधी आबादी अन्य पिछड़ा वर्ग से ताल्लुक रखती है। मोहन यादव 2003 के बाद से भाजपा के चौथे ओबीसी मुख्यमंत्री हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी दावा करते रहे हैं कि जाति जनगणना एक क्रांतिकारी कदम होगा क्योंकि इससे पता चलेगा कि कैसे अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों में ओबीसी, अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) की उपस्थिति बहुत कम या बिल्कुल नहीं है।
महिलाएं : महिलाओं के लिए 'लाडली बहना' वित्तीय सहायता योजना को विधानसभा चुनावों में भाजपा के लिए 'गेम-चेंजर' के रूप में देखा गया। राज्य भाजपा के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि पार्टी महिलाओं को दिए गए 33 प्रतिशत राजनीतिक आरक्षण और सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर पर भी प्रकाश डालेगी।
मनरेगा : कांग्रेस मतदाताओं को याद दिला रही है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) उसके दिमाग की उपज थी जबकि दावा किया जा रहा है कि मोदी शासन के तहत नौकरी के अवसर कम हो गए हैं।
किसानों के मुद्दे : कांग्रेस ने फसलों के लिए कानूनी रूप से गारंटीकृत न्यूनतम समर्थन मूल्य का वादा किया है। पार्टी, एक लाख रुपये तक के कृषि ऋण माफी की भी मांग कर रही है। ऋण माफी के वादे ने उसे मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में 2018 के विधानसभा चुनाव जीतने में मदद की थी। (भाषा)