राष्ट्रीय
भागलुपर, 20 अप्रैल कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को ‘‘भाजपा-आरएसएस’’ और मुट्ठी भर ‘‘अरबपतियों’’ पर लोकतंत्र और संविधान के लिए खतरा उत्पन्न करने का आरोप लगाया।
गांधी ने बिहार में अपनी पहली चुनावी रैली को संबोधित करते हुए अपनी पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र की पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के साथ तुलना करते हुए दावा किया कि ‘‘हमने जितना कर्ज किसानों का माफ किया उससे चार गुना से भी अधिक मोदी सरकार ने उद्योगपतियों का माफ कर दिया।’’
उन्होंने दावा करते हुए कहा, ‘‘देश के 22 उद्योगपतियों के पास 70 करोड़ की आबादी के समान संपत्ति है। देश में 70 करोड़ लोग ऐसे हैं जो प्रतिदिन 100 रुपये से कम पर गुजारा कर रहे हैं।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘पिछले 10 वर्षों में, अंबानी और अडाणी जैसे लोग फले-फूले हैं। ये नाम तो आपने जरूर सुने होंगे।’’
गांधी ने आरोप लगाया, ‘‘अडाणी का इतने सारे राष्ट्रीय संसाधनों पर नियंत्रण हो गया है। उनके पास सभी बंदरगाह, हवाई अड्डे और बिजली विनिर्माण इकाइयां हैं।’’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गांधी ने कहा, ‘‘मोदी ने 22 से 25 उद्योगपतियों का करीब 16 लाख करोड रुपए माफ कर दिए। हमने जितनी कर्ज की रकम किसानों की माफ की उससे 25 गुना मोदी सरकार ने उद्योगपतियों के माफ कर दिये। यह मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) योजना के लिए 25 वर्षों के परिव्यय के बराबर है। कांग्रेस के नेतृत्व वाला ‘इंडिया’ गठबंधन गरीबों की आर्थिक सहायता के लिए प्रतिबद्ध है।’’
गांधी ने कहा, ‘‘अगर कांग्रेस सत्ता में आयी तो वह ‘महालक्ष्मी’ जैसी योजनाओं के जरिए गरीबों की मदद करेगी। इस ‘महालक्ष्मी’ योजना के तहत हर गरीब परिवार की एक महिला सदस्य को सीधे नकद हस्तांतरण के माध्यम से एक लाख रुपये की वार्षिक सहायता का प्रस्ताव है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पैसा एक व्यक्ति के बैंक खाते में भेजा जाएगा लेकिन इसका उपयोग पूरे परिवार के लिए किया जाएगा।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मोदी नहीं चाहते कि लोग अपने आसपास मौजूद हालात पर ध्यान केंद्रित करें। वह किसी न किसी माध्यम से आप सभी का ध्यान भटकाने की कोशिश करते हैं। देश के किसी भी हिस्से में आप युवाओं को घंटों अपने स्मार्ट फोन पर सोशल मीडिया साइट से चिपके हुए देख सकते हैं। कारण यह है कि भारत बेरोजगारी का केन्द्र बन गया है। नोटबंदी और जीएसटी (माल एवं सेवाकर) के दोषपूर्ण क्रियान्वयन ने रोजगार सृजन को प्रभावित किया है।’’
कांग्रेस नेता गांधी ने अपनी पार्टी के घोषणा पत्र का जिक्र करते हुए कहा उनकी पार्टी ‘‘अप्रेंटिसशिप करने वालों को रोजगार की गारंटी देकर बेरोजगारी की समस्या से निपटेगी जो देश में निजी क्षेत्र के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र में प्रशिक्षित कार्य बल पैदा करेगी।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सशस्त्र बलों में रोजगार की अग्निपथ योजना को भी खत्म कर देगी जिसमें चार साल के लिए अनुबंध पर नौकरी का प्रावधान है।
गांधी ने कहा कि उनकी सरकार बनने पर अग्निपथ योजना को खत्म कर सेना में पुरानी भर्ती व्यवस्था को लागू किया जाएगा तथा मोदी सरकार द्वारा किसानों के खिलाफ लाए गए गलत कानून को रद्द करके उनकी फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जाएगा और किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा।
गांधी ने कहा कि केंद्र में उनकी सरकार बनने पर पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाएगी, जीएसटी में बदलाव किया जाएगा, आशा और आंगनबाड़ी सेविकाओं को मिलने वाले मानदेय को दोगुना किया जाएगा तथा मजदूरों के लिए प्रतिदिन की मजदूरी 400 रुपये तय की जाएगी।
गांधी ने अपने शुरूआती भाषण में कहा, ‘‘इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनाव को लोकतंत्र और संविधान को बचाने की लड़ाई के रूप में मान रहा है। देश के गरीबों, दलितों और आदिवासियों को जो कुछ मिला है, वह संविधान की वजह से है। लेकिन भाजपा-आरएसएस (भारतीय जनता पार्टी-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) गठबंधन और उनके पसंदीदा चार या पांच अरबपतियों के कारण संविधान खतरे में है।’’
कांग्रेस नेता गांधी ने कहा, ‘‘अगर वे संविधान को खत्म करने में सफल हो जाते हैं, तो गरीबों और वंचितों के पास जो कुछ भी है, उन्होंने अब तक जो भी प्रगति की है, वह सब खत्म हो जाएगा।’’
भाजपा नीत राजग के 400 सीट पार करने के दावे पर कटाक्ष करते हुए गांधी ने आरोप लगाया, ‘‘मोदी लोगों को भ्रमित और भड़काने का प्रयास कर रहे हैं, यही कारण है कि भाजपा को इस चुनाव में 150 सीट से अधिक नहीं मिलने वाली है।’’ (भाषा)