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-राजेश डोबरियाल
उत्तराखंड में जंगलों में आग लगाने के मामले में गढ़वाल वन प्रभाग में पांच लोगों को गिरफ़्तार कर लिया गया है.
उत्तराखंड के जंगलों में अप्रैल की शुरुआत से ही लगातार आग लगने के मामले सामने आ रहे हैं. जंगलों की आग बुझाने के लिए एयर फ़ोर्स और एनडीआरएफ़ की भी मदद ली जा रही है.
उत्तराखंड वन विभाग के अनुसार एक नवंबर 2023 से 28 अप्रैल, 2024 तक जंगलों में आग लगने के कुल 606 मामले सामने आए हैं जिनसे 735.81 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है.
ख़ास बात यह है कि 31 मार्च तक जंगलों में आग लगने की सिर्फ़ 34 घटनाएं सामने आई थीं और इनसे 35.25 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ था. इस बार सर्दियों में बारिश न होने की वजह से जंगल शुष्क हैं और इन्हें आग भड़कने की बड़ी वजह माना जा रहा है.
उत्तराखंड के वन विभाग के अनुसार वनाग्नि के 95 फ़ीसदी मामलों के लिए मानवीय हस्तक्षेप ज़िम्मेदार होता है. इसलिए इस बार बड़े पैमाने पर वनाग्नि के लिए ज़िम्मेदार लोगों पर केस भी दर्ज किए जा रहे हैं.
उत्तराखंड वन विभाग में वनाग्नि और आपदा प्रबंधन के प्रमुख मुख्य वन संरक्षक निशांत वर्मा ने बीबीसी हिंदी को बताया कि अब तक कुल 197 मामले दर्ज किए गए हैं जिनमें से 24 लोगों के ख़िलाफ़ नामजद शिकायत दर्ज की गई है. इनके ख़िलाफ़ संबंधित धाराओं में मामले दर्ज किए जा रहे हैं.
हालांकि इनमें से गिरफ़्तारियां कितनी हुई हैं इसके बारे में ख़बर लिखने तक उन्हें सटीक जानकारी नहीं थी. वर्मा ने यह भी बताया कि वनाग्नि के लिए दोषी पाए जाने पर एक साल तक की सज़ा का प्रावधान है.
निशांत वर्मा ने यह भी बताया कि इस बार आग बुझाने के लिए एयरफ़ोर्स और एनडीआरएफ़़ की भी मदद ली जा रही है. हालांकि वनाग्नि के बहुत ज़्यादा भड़क जाने पर ऐसा पहले भी किया गया है.
उन्होंने दावा किया कि जैसे ही वनाग्नि की सूचना मिल रही है वन विभाग तत्परता से कार्रवाई कर रहा है और संसाधनों की भी कोई कमी नहीं है. (bbc.com/hindi)