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रायबरेली में बड़े अंतर से चुनाव हारेंगे राहुल गांधी : अमित शाह
04-May-2024 9:17 PM
रायबरेली में बड़े अंतर से चुनाव हारेंगे राहुल गांधी : अमित शाह

बोडेली (गुजरात), 4 मई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी के वायनाड और रायबरेली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने को लेकर शनिवार को उनपर कटाक्ष करते हुए दावा किया कि कांग्रेस नेता रायबरेली में बड़े अंतर से चुनाव हारेंगे।

आदिवासी बहुल छोटा उदयपुर जिले के बोडेली शहर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने विपक्षी 'इंडिया' गठबंधन पर कुछ राज्यों में दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों के लिए निर्धारित आरक्षण छीनने का भी आरोप लगाया।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘‘कांग्रेस अपने नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही है। जब वह अमेठी से चुनाव हार गए, तो वायनाड चले गए। चूंकि, उन्हें एहसास हो गया है कि वह इस बार वायनाड से हार जाएंगे, इसलिए वह अब अमेठी के बजाय रायबरेली से चुनाव लड़ रहे हैं।’’

राहुल ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी और वायनाड सीट से चुनाव लड़ा था। उन्होंने वायनाड से जीत हासिल की थी, जबकि अमेठी सीट पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से हार गए थे।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ने छोटा उदयपुर (आरक्षित) लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार जशुभाई राठवा के लिए चुनाव प्रचार करने के दौरान कहा, ‘‘राहुल बाबा, मेरी सलाह मानो। दिक्कत आपमें है, सीटों में नहीं। आप रायबरेली से भी बड़े अंतर से चुनाव हारेंगे। अगर आप भाग भी जाओ, तो भी लोग आपको ढूंढ लेंगे।’’

उन्होंने कहा कि ''राहुल बाबा एंड कंपनी'' यह झूठ फैला रहे हैं कि अगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक और कार्यकाल हासिल करेंगे, तो आरक्षण खत्म कर देंगे।

शाह ने कहा, ‘‘राहुल बाबा, मोदी के पास 2014 और 2019 में पूर्ण बहुमत था। लेकिन, उन्होंने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए निर्धारित आरक्षण को कभी नहीं छुआ। यह मोदी की गारंटी है कि जब तक भाजपा सत्ता में है, आपके आरक्षण को कोई छू नहीं सकता।’’

केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि यह 'इंडिया' गठबंधन है, जिसने कुछ राज्यों में दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों के लिए निर्धारित आरक्षण में से मुसलमानों को कोटा दिया।

लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में गुजरात की 25 लोकसभा सीट पर सात मई को मतदान होना है।

शाह ने दावा किया कि कर्नाटक में सरकार बनाने के बाद, उन्होंने (कांग्रेस ने) मुसलमानों को चार प्रतिशत आरक्षण दे दिया और आंध्र प्रदेश में मुसलमानों को पांच प्रतिशत आरक्षण दिया, जिससे ओबीसी के लिए निर्धारित कोटा प्रभावी रूप से कम हो गया।

उन्होंने कहा कि अगर विपक्षी गठबंधन सत्ता में आया तो वे इन वर्गों के लिए निर्धारित कोटा छीन लेंगे और मुसलमानों को दे देंगे।

शाह ने कहा, ‘‘मैं विपक्ष से पूछना चाहता हूं कि क्या वे उन राज्यों में मुसलमानों को दिया गया आरक्षण वापस लेना चाहते हैं। यह 'उल्टा चोर कोतवाल को डांटे' जैसा है। उन्होंने ही आरक्षण छीना, लेकिन वे प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगा रहे हैं।’’

केंद्रीय गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को रोकने की कोशिश की थी और जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को निरस्त करने का विरोध किया था।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने राम मंदिर (में रामलला के नवीन विग्रह की) प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए राहुल गांधी, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और यहां तक कि अरविंद केजरीवाल को भी निमंत्रण भेजा था। लेकिन कोई नहीं आया। क्यों? क्योंकि उन्हें अपने वोट बैंक का डर है। मुझे उम्मीद है कि आप जानते होंगे कि उनका वोट बैंक कौन है। लेकिन हम उस वोट बैंक से नहीं डरते।’’

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने 10 साल के शासनकाल में देश से आतंकवाद को खत्म कर दिया है।

उन्होंने कहा, ‘‘एक समय था जब पाकिस्तान से आये घुसपैठिए देश में बम धमाके कर भाग जाते थे, लेकिन पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों ने कभी कदम नहीं उठाए, उन्हें डर था कि इससे उनका वोट बैंक खराब हो जाएगा। यह मोदी ही थे जिन्होंने आतंकवादियों का उनके घर में घुसकर खात्मा किया।’’

शाह ने दावा किया कि कांग्रेस शुरू से ही 'आदिवासी विरोधी' रही है, यही कारण है कि उसने लगभग 70 वर्षों तक आदिवासी समुदाय के किसी व्यक्ति को देश का राष्ट्रपति नहीं बनने दिया।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश को पहली बार द्रौपदी मुर्मू के रूप में एक आदिवासी राष्ट्रपति दिया। (भाषा)

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