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हार को भांपते हुए सपा ने बदायूं से 'बलि का बकरा' उतारा है: भाजपा उम्मीदवार शाक्य
05-May-2024 11:07 AM
हार को भांपते हुए सपा ने बदायूं से 'बलि का बकरा' उतारा है: भाजपा उम्मीदवार शाक्य

(अरुणव सिन्हा)

बदायूं (उप्र), 5 मई। उत्तर प्रदेश की बदायूं लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार दुर्विजय शाक्य ने अपने प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार आदित्य यादव पर तंज कसते हुए कहा कि अपने गढ़ कहे जाने वाले इलाके में हार को भांपते हुए सपा ने 'बलि का बकरा' मैदान में उतारा है।

सपा पिछले लोकसभा चुनाव में भी यहां हार का सामना कर चुकी है। समाजवादी पार्टी के महासचिव शिवपाल सिंह यादव के बेटे आदित्य यादव के मुकाबले यहां चुनाव लड़ रहे शाक्य ने 'पीटीआई-भाषा' को दिये गये एक साक्षात्कार में भाजपा की जीत का दावा करते हुए प्रतिद्वंद्वी पर यह टिप्पणी की।

शाक्‍य ने कहा कि "अभी तक उत्तर प्रदेश में किसी (राजनीतिक दल) का कोई गढ़ नहीं है। यह कमल (भाजपा का चुनाव चिह्न) है, जिसका गढ़ हर जगह देखा जाता है। चाहे वह आज़मगढ़, कन्नौज या रामपुर हो (जहां से भाजपा सपा उम्मीदवारों को विभिन्न चुनावों में पराजित कर चुकी है) ।’’

शाक्य ने कहा कि ''2019 में सपा-बसपा गठबंधन के बावजूद उनके गढ़ों में सेंध लग गयी।''

उन्होंने दावा किया कि अपनी हार को भांपते हुए, शिवपाल सिंह यादव चुनाव से बाहर हो गए और अपने बेटे आदित्य यादव को "बलि का बकरा" बनाया।

सपा ने पहले बदायूं से धर्मेंद्र यादव, फिर शिवपाल सिंह यादव और उसके बाद उन्हें भी बदलते हुए आदित्य यादव को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा उम्मीदवार ने कहा कि ''शिवपाल के अनुरोध पर, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आदित्य यादव को पार्टी का उम्मीदवार बनाया।’’

शाक्य ने सपा पर वंशवाद -परिवारवाद की राजनीति करने का आरोप भी लगाया।

उन्होंने कहा कि ''पूरे उप्र में उन्होंने (सपा) यादवों को चार-पांच टिकट दिए हैं और ये सभी यादव परिवार के सदस्य हैं। बदायूँ में सबसे पहले धर्मेन्द्र यादव को भेजा गया। उनके चले जाने के बाद, यह शिवपाल यादव ही थे जो यहां आए और 10 दिनों तक पूरे निर्वाचन क्षेत्र में यात्रा की।’’

उन्होंने कहा, ''लोकसभा चुनाव में मुझसे डर और हार का अहसास होने के बाद उन्होंने अपने बेटे को बदायूं से उम्मीदवार बनाया और उसे बलि का बकरा बनाकर मैदान में उतारा है।''

शाक्य ने कहा, ''पहले भतीजे (धर्मेंद्र यादव) ने अपने चाचा (शिवपाल यादव) को फंसाया और फिर चाचा ने अपने ही बेटे को फंसाया।''

शाक्य ने यह भी दावा किया कि वह बदायूं से रिकॉर्ड मतों के अंतर से चुनाव जीतेंगे, जहां सात मई को तीसरे चरण में मतदान होगा। शाक्य ने कहा, "बदायूं की जनता समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस को सिरे से खारिज कर देगी और वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर अपना आशीर्वाद बरसा रहे हैं।"

उन्होंने कहा कि "आज, प्रधानमंत्री मोदी और (उप्र) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लहर है। वे (सपा) उन पापों का भुगतान कर रहे हैं जो उन्होंने राज्य में सत्ता में रहते हुए किए थे। समाजवादी पार्टी के शासनकाल के दौरान लूट, हत्या और बलात्कार उत्तर प्रदेश की पहचान बन गई।''

जब शाक्य से पूछा गया कि क्या उन्हें कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि बदायूँ के तीन विधानसभा क्षेत्रों में विधायक सपा के हैं और केवल दो भाजपा के हैं, शाक्य ने कहा, ''कड़े मुकाबले का सवाल ही नहीं उठता। माहौल एकतरफा है और यह भाजपा के पक्ष में है।”

उन्होंने कहा, "बिसौली (आरक्षित) विधानसभा क्षेत्र से सपा विधायक आशुतोष मौर्य की पत्नी और बहन भाजपा के लिए प्रचार कर रही हैं। विधायक समाजवादी पार्टी से हैं, लेकिन उनका परिवार हमारे साथ है और हमारे लिए प्रचार कर रहे हैं।"

बदायूं लोकसभा सीट में चार विधानसभा क्षेत्र - बिसौली, सहसवान, बिल्सी और बदायूं - और गुन्नौर (संभल जिले में) शामिल हैं।

तीन विधायक - रामखिलाड़ी सिंह यादव (गुन्नौर), आशुतोष मौर्य (बिसौली) और बृजेश यादव (सहसवान) सपा से हैं, जबकि भाजपा से दो विधायक - हरीश शाक्य (बिल्सी) और महेश चंद्र गुप्ता (बदायूं) हैं।

वर्ष 2019 के बाद से बदायूं में विकास रुकने के सपा कार्यकर्ताओं के आरोपों को खारिज करते हुए शाक्य ने कहा, "यह मामला नहीं है। वास्तव में सपा शासन के दौरान बदायूं में कोई विकास नहीं हुआ। बदायूं एक पिछड़ा जिला है।"

उन्होंने कहा कि ''गुन्नौर विधानसभा क्षेत्र, जिसका प्रतिनिधित्व कभी उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव करते थे, बहुत पिछड़ा हुआ है। और कभी-कभी, इस क्षेत्र के पिछड़ेपन को देखकर मेरी आत्मा रोती है।"

बदायूं के विकास के लिए उनकी प्राथमिकताओं के बारे में पूछे जाने पर, शाक्य ने कहा कि जो गंगा एक्सप्रेस वे बनाया जा रहा है, वह बदायूं से होकर गुजरता है। एक औद्योगिक गलियारे की घोषणा की गई है गंगा एक्सप्रेस वे के किनारे। मेरी पहली प्राथमिकता उस औद्योगिक गलियारे पर उद्योग लगवाना और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार पैदा करना होगा।’’

शाक्य ने कहा कि ''इसके अलावा मेरा प्रयास होगा कि मैं बदायूँ में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार करूँ और इस जिले के पिछड़ेपन को दूर करने का भी प्रयास करूँगा।’’

बदायूं में सात मई को तीसरे चरण में मतदान होगा।  (भाषा)

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