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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 24 जून। छग आयुर्वेदिक, यूनानी चिकित्सा पद्धति एवं प्राकृतिक चिकित्सा परिषद द्वारा राज्य के विभिन्न आयुर्वेद संगठनों की एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (आचार एवं पंजीयन) विनिमय 2023 तथा आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के संबंध में वृहद चर्चा की गई।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आगामी 1 जुलाई से परिषद में 30 जून 2019 के पूर्व पंजीकृत समस्त आयुर्वेद चिकित्सकों का पंजीयन नवीनीकरण प्रक्रिया आरंभ किया जाए।आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत एचपीआर पोर्टल में अधिकाधिक चिकित्सकों को पंजीकरण के लिए प्रेरित करने का निर्णय लिया गया है। बैठक में आगामी सितंबर माह में रायपुर में आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सकों का एक राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित करने पर सहमति जताई गई। गौरतलब है कि भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सकों को देश के बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं के मुख्यधारा में शामिल करने के लिए अनेक योजनाएं लागू की गई हैं जिसकी जानकारी इस बैठक में चिकित्सा संगठनों को दी गई।
बैठक में उपस्थित संचालनालय आयुष छत्तीसगढ़ के संयुक्त संचालक डॉ सुनील दास ने सभी चिकित्सक संगठनों से अपील की कि चिकित्सा व्यवसाय के दौरान सभी चिकित्सक आयोग द्वारा निर्धारित आचार संहिता, शिष्टाचार और व्यवसायिक आचरणों के पालन के प्रति सजग हों। बैठक में परिषद के रजिस्ट्रार डॉ. संजय शुक्ला, छग आयुर्वेद अधिकारी संघ के प्रांताध्यक्ष डॉ पतंजलि दीवान, छत्तीसगढ़ आयुर्वेद शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष डॉ जीआर.रात्रे, अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के प्रांताध्यक्ष डॉ.हरिन्द्र मोहन शुक्ला, छत्तीसगढ़ आयुर्वेद महासंघ के अध्यक्ष डॉ. शिवनारायण द्विवेदी, सोसायटी ऑफ क्लीनिकल आयुर्वेदा के डॉ. रवि खिचरिया, डॉ अनुज खरे, डॉ. नरेन्द्र सिंह भुवाल, आयुष्मा छत्तीसगढ़ के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. राघवेन्द्र सिंह , छत्तीसगढ़ संविदा आयुर्वेद अधिकारी संघ के प्रांताध्यक्ष डॉ. योगेश शर्मा, नीमा के अध्यक्ष डॉ. एम.एल. लहेजा, जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (आयुर्वेद) के अध्यक्ष डॉ.गोविंद यादव के अलावा विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे। बैठक के अंत में परिषद के सदस्य डॉ. डी.के. कटरिया ने आभार प्रदर्शन किया।