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रक्षा उत्पादन 2023-24 में करीब 1.27 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचा: रक्षा मंत्रालय
05-Jul-2024 4:20 PM
रक्षा उत्पादन 2023-24 में करीब 1.27 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचा: रक्षा मंत्रालय

नयी दिल्ली, 5 जुलाई रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भारत का वार्षिक रक्षा उत्पादन 2023-24 में करीब 1.27 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया तथा यह ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम में एक और उपलब्धि है।

वित्त वर्ष 2022-23 में रक्षा उत्पादन का मूल्य 1,08,684 करोड़ रुपये था।

सिंह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि भारत को एक अग्रणी वैश्विक रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए सरकार अधिक अनुकूल व्यवस्था बनाने को प्रतिबद्ध है।

रक्षा मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी बयान के अनुसार, ‘‘ रक्षा मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत सरकार की नीतियों और पहलों के सफल कार्यान्वयन के आधार पर, 'आत्मनिर्भरता' प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए वित्त वर्ष 2023-24 में मूल्य के संदर्भ में स्वदेशी रक्षा उत्पादन में अभी तक की सर्वाधिक वृद्धि हासिल की है।’’

इसमें कहा गया कि 2023-24 में वार्षिक रक्षा उत्पादन करीब 1.27 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।

बयान में कहा गया, ‘‘ सभी रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (डीपीएसयू), रक्षा सामग्री बनाने वाले अन्य सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों और निजी कंपनियों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार देश में रक्षा उत्पादन का मूल्य रिकॉर्ड स्तर अर्थात 1,26,887 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह गत वित्त वर्ष के रक्षा उत्पादन की तुलना में 16.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।’’

सिंह ने इस उपलब्धि के लिए रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों तथा रक्षा सामग्री बनाने वाले अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों सहित भारतीय उद्योग व निजी उद्योग को बधाई दी।

उन्होंने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम हर साल नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।’’

सिंह ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ भारत ने 2023-24 में रक्षा उत्पादन के मूल्य में अभी तक की सर्वाधिक वृद्धि दर्ज की है। रक्षा उत्पादन 2023-24 में 1,26,887 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले वित्त वर्ष के उत्पादन के मूल्य से 16.8 प्रतिशत अधिक है।’’

रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘‘ 2023-24 में उत्पादन के कुल मूल्य (वीओपी) में से करीब 79.2 प्रतिशत योगदान डीपीएसयू/अन्य पीएसयू का और 20.8 प्रतिशत का योगदान निजी क्षेत्र का रहा।’’

बयान के अनुसार, आंकड़े दर्शाते हैं कि निरपेक्ष मूल्य के संदर्भ में डीपीएसयू/पीएसयू तथा निजी क्षेत्र दोनों ने रक्षा उत्पादन में स्थिर वृद्धि दर्ज की है।

मंत्रालय ने कहा यह उपलब्धि पिछले 10 वर्षों में सरकार द्वारा आत्मनिर्भरता प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए लाए गए नीतिगत सुधारों और पहलों तथा व्यापार सुगमता की वजह से हासिल हुई है।

बयान में कहा गया, ‘‘ स्वदेशीकरण के प्रयासों को निरंतर आधार पर आक्रामक तरीके से आगे बढ़ाया गया है, जिसके परिणामस्वरूप अब तक का सबसे अधिक वीओपी हासिल हुआ है। इसके अलावा बढ़ते रक्षा निर्यात ने स्वदेशी रक्षा उत्पादन में समग्र वृद्धि में जबरदस्त योगदान दिया है।’’

इसमें कहा गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 में रक्षा निर्यात 32.5 प्रतिशत बढ़कर 21,083 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छू गया। यह गत वित्त वर्ष में 15,920 करोड़ रुपये था।

बयान के अनुसार, (2019-20 से) पिछले पांच वर्षों में रक्षा उत्पादन का मूल्य लगातार बढ़ रहा है। इसमें 60 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। (भाषा) 

 

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