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आलोक पुतुल
रायपुर से, 8 जुलाई । छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला घोटाले में आईएएस अधिकारी रानू साहू को सुप्रीम कोर्ट ने ज़मानत दे दी है.
रानू को प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने गिरफ़्तार किया था. रानू पिछले साल से ही रायपुर जेल में बंद हैं.
22 जुलाई 2023 को रानू की गिरफ़्तारी समय वे राज्य में कृषि विभाग की संचालक थीं.
हालाँकि जेल से उनकी रिहाई हो पाएगी या नहीं, इसे लेकर संशय है क्योंकि राज्य के आर्थिक अपराध ब्यूरो ने उनके ख़िलाफ़ नया मामला दर्ज किया है. ऐसे में माना जा रहा है कि उन्हें जेल में निकलने के साथ ही फिर से गिरफ़्तार किया जा सकता है.
तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया, आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई के बाद वे तीसरी बड़ी अधिकारी थीं, जिन्हें प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ़्तार किया था.
हालांकि इन दोनों अफ़सरों को अभी तक ज़मानत नहीं मिली है. 2022 में प्रवर्तन निदेशालय ने राज्य में कई जगहों पर छापेमारी के बाद आरोप लगाया था कि राज्य में अफ़सरों, नेताओं और व्यापारियों का एक संगठित गिरोह कोयला परिवहन में 25 रुपए प्रति टन की वसूली कर रहा है.
इसके लिए शीर्ष सरकारी अधिकारियों ने, कोयला परिवहन के लिए अनिवार्य 'ऑनलाइन परिवहन आदेश' जारी करने की प्रक्रिया को 15 जुलाई 2020 को सर्वर में गड़बड़ी का हवाला दे कर बंद कर दिया गया.
इसके बाद नकद पैसे लेकर परिवहन आदेश जारी किया जाने लगा. ईडी का आरोप है कि इस घोटाले में कई कारोबारी, कांग्रेस पार्टी के नेता और अफ़सर शामिल थे और उन्होंने इस तरीक़े से 540 करोड़ रुपए से अधिक की रक़म अवैध तरीक़े से वसूल की.
अदालत में प्रस्तुत दस्तावेज़ों में ईडी ने दावा किया है कि उसने इस संबंध में बड़ी संख्या में डायरी, फ़ोन चैट, लेन-देन के सबूत, करोड़ों रुपए नक़द, सोना, अरबों रुपए की संपत्ति के ब्यौरे और दूसरे दस्तावेज़ जब्त किए थे.
इस मामले में ईडी ने अभियुक्त कारोबारियों, अफ़सरों और नेताओं की 200 करोड़ रुपए से अधिक की कथित अवैध संपत्ति भी अटैच की है.
कौन हैं रानू साहू?
रानू साहू छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार की सर्वाधिक महत्वाकांक्षी योजनाएं कृषि विभाग से जुड़ी रही हैं. गिरफ़्तारी के समय रानू साहू इसी कृषि विभाग की संचालक और छत्तीसगढ़ राज्य मंडी बोर्ड की प्रबंध संचालक थीं.
वे तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विश्वासपात्र अफ़सरों में शुमार थीं. छत्तीसगढ़ के गरियाबंद की रहने वाली रानू साहू का चयन 2005 में पुलिस उपाधीक्षक के तौर पर हुआ था.
2010 में उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा पास की और उन्हें छत्तीसगढ़ कैडर मिला. रानू साहू के पति जयप्रकाश मौर्य भी आईएएस अधिकारी हैं.
रानू साहू जून 2021 से जून 2022 तक कोरबा में कलेक्टर थीं. इसके बाद फ़रवरी 2023 तक वे रायगढ़ ज़िले की भी कलेक्टर थीं.
दोनों ही ज़िले राज्य में सर्वाधिक कोयला उत्पादन करने वाले ज़िलों में गिने जाते हैं. रानू साहू के पति आईएएस जयप्रकाश मौर्य जून 2021 से भूगर्भ और खनिज विभाग के विशेष सचिव के पद पर कार्यरत थे. (bbc.com/hindi)