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नयी दिल्ली, 30 जुलाई उच्चतम न्यायालय ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की एक याचिका मंगलवार को खारिज कर दी, जिसमें उसने जेल में रहते हुए टीवी चैनल को साक्षात्कार देने के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने और उसके खिलाफ प्राथमिकियां दर्ज करने के पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी।
न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और न्यायमूर्ति एस.सी. शर्मा की पीठ ने कहा कि वह उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करना चाहती।
पीठ ने कहा, “जांच होनी चाहिए। यह जांच का विषय है। आपके खिलाफ 73 मामले दर्ज हैं।”
जेल में बंद बिश्नोई की ओर से न्यायालय में पेश हुए वकील ने कहा कि आदेश पारित किए जाने से पहले उनकी दलीलें नहीं सुनी गईं।
उन्होंने कहा कि कई गवाहों से पूछताछ की जा चुकी है,लेकिन कुछ नहीं पता चला है।
शीर्ष अदालत ने बिश्नोई को उच्च न्यायालय का रुख करने का निर्देश दिया।
पिछले वर्ष दिसंबर में उच्च न्यायालय ने बिश्नोई के साक्षात्कार के संबंध में प्राथमिकी दर्ज करने तथा आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारी प्रबोध कुमार के नेतृत्व वाले एक विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराने का आदेश दिया था।
उच्च न्यायालय ने जेल परिसर में कैदियों द्वारा मोबाइल फोन के इस्तेमाल से संबंधित मामले पर स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया था।
बिश्नोई 2022 में गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के आरोपियों में से एक है। पिछले साल मार्च में एक निजी समाचार चैनल ने बिश्नोई के दो साक्षात्कार के प्रसारण किए थे। (भाषा)