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एटीआर के दो वन रक्षक देहरादून में सम्मानित होंगे
05-Oct-2024 1:31 PM
एटीआर के दो वन रक्षक देहरादून में सम्मानित होंगे

 बाघ संरक्षण और स्थानीय निवासियों के बीच संतुलन बनाने के लिए होंगे पुरस्कृत 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 5 अक्टूबर।
वन्य प्राणी संरक्षण सप्ताह 2024 के अंतर्गत देहरादून में आयोजित एक कार्यक्रम में अचानकमार टाइगर रिजर्व (एटीआर) के पैदल गार्ड दिलीप सिंह कंवर और वनरक्षक मनमोहन सिंह राज को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया जाएगा। दोनों कर्मचारी अपने अनुशासन, कर्तव्यनिष्ठा और वन्यजीव संरक्षण के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते हैं।

दिलीप सिंह कंवर अचानकमार टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में स्थित छोटे से गांव कटामी के निवासी हैं। वे अपने क्षेत्र में बाघों के संरक्षण और स्थानीय निवासियों के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए उल्लेखनीय योगदान दे रहे हैं। उनका मुख्य कार्य मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करना और एक सतत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है। कंवर ने स्थानीय समुदायों के साथ निकटता से काम करते हुए पर्यावरणीय अनुकूलन की प्रथाओं को बढ़ावा दिया है, जिससे न केवल बाघ संरक्षण में मदद मिली, बल्कि स्थानीय लोगों की आजीविका पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ा।

उनकी पेट्रोलिंग क्षमता अत्यधिक प्रभावी रही है, और उनके सामुदायिक वन प्रबंधन के प्रयासों के कारण कटामी क्षेत्र में अतिक्रमण या अवैध गतिविधियां नहीं हुई हैं। कंवर के सतत प्रयासों के चलते उन्होंने वन्यजीवों और मनुष्यों के बीच संघर्ष को न्यूनतम रखते हुए संरक्षण को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है।

वनरक्षक मनमोहन सिंह राज, दियाबार परिसर के रक्षक (जिसमें दो परिसरों का अतिरिक्त प्रभार है), अपने मुख्यालय में रहते हुए समयबद्ध पेट्रोलिंग के लिए जाने जाते हैं। उनके कुशल प्रबंधन के कारण उनके बीट में किसी भी प्रकार का अतिक्रमण या शिकार जैसी अवैध गतिविधियां नहीं हुई हैं, जबकि आसपास के गांवों में ऐसी आशंका बनी रहती है।

इसी तरह मनमोहन सिंह राज ने अपने क्षेत्र के ग्रामीणों के साथ भी अच्छे संबंध स्थापित किए, जिससे उन्हें संरक्षण कार्यों में ग्रामीणों का व्यापक सहयोग मिला। उनके द्वारा वन्यजीवों के लिए चारागाह और पेयजल की समुचित व्यवस्था की गई, जिसके परिणामस्वरूप इस क्षेत्र में वन्यजीवों की साइटिंग में वृद्धि देखी गई और गांवों में वन्यजीवों का प्रवेश कम हो गया। उनका नियमित पेट्रोलिंग कार्य और टीम के साथ संबंध बेहद सकारात्मक रहे हैं।

इन दोनों वनकर्मियों ने 2022, 2023 और 2024 में वन्यजीव संरक्षण और अन्य वन प्रबंधन गतिविधियों के कारण मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कई बार पुरस्कृत किए गए हैं। उनके समर्पण और कार्यकुशलता के कारण आज उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जा रहा है।
 

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