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मुंबई, 26 जुलाई (वार्ता)। बॉलीवुड ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘शोले’ में क्रूर खलनायक ‘गब्बर सिंह’ के किरदार के जरिये अमजद खान ने सिने प्रेमियों के दिल में अपनी अमिट पहचान बनाई लेकिन फिल्म निर्माण के समय इस भूमिका के लिये डैनी का नाम प्रस्तावित था ।
फिल्म ‘शोले’ में ‘गब्बर सिंह’ के किरदार के लिये फिल्म निर्माता रमेश सिप्पी ने पहले डैनी को अपरोच किया था। डैनी ने फिल्म के लिए हां भी कर दी थी, लेकिन वो उस वक्त फिरोका खान की बड़े बजट की फिल्म ‘धर्मात्मा की शूटिंग कर रहे थे, ऐसे में एक साथ दोनों फिल्में करना मुश्किल था। डैनी ने ‘शोले’ में काम करने से मना कर दिया और बाद में यह फिल्म अमजद खान को मिली। फिल्म शोले प्रदर्शित हुयी तो अमजद खान का निभाया किरदार ‘गब्बर सिंह’ दर्शको में इस कदर लोकप्रिय हुआ कि लोग गाहे बगाहे उनकी आवाज और चाल ढ़ाल की नकल करने लगे।
गब्बर सिंह फिल्म ‘शोले’ का विलेन होने के बावजूद लोगों के लिए हीरो बन गया। खूंखार डकैत का रोल निभाकर अमजद खान सिनेमाई दुनिया में छा गए। निर्देशक रमेश सिप्पी की शोले के इस गब्बर सिंह ने ऐसे ऐसे दमदार डायलॉग कहे कि वो फिल्मीं इतिहास में दर्ज हो गए। कहते हैं हिंदुस्तानी सिनेमा में गब्बर सिंह से पहले ऐसा दमदार विलेन कभी नहीं हुआ और न ही गब्बर सिंह के बाद वैसा कोई विलेन सिनेमा में नकार आया। डैनी ने भी बाद में एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि ‘यदि मैंने शोले की होती तो भारतीय सिनेमा अमजद खान जैसे एक अद्भुत कलाकार को खो देता।
डाकू गब्बर सिंह की कल्पना उस खाकी वर्दी के बिना नहीं की जा सकती। वो खाकी वर्दी किसी कॉस्ट््यूम डिजाइनर ने नहीं, बल्कि खुद अमजद खान ने सुझाई थी जिसे वे मुंबई के चोर बाजार से खरीदकर लाए थे। गब्बर सिंह, हिंदी सिनेमा का पहला खलनायक था जिसने नायक-सी लोकप्रियता हासिल की। ब्रिटैनिया ने गब्बर को अपने ग्लूकोज बिस्किट के विज्ञापन के लिए चुना। यह विज्ञापन ‘गब्बर की असली पसंद’ की पंचलाइन के साथ लोकप्रिय हुआ था। यह पहली बार था जब किसी कंपनी ने अपने प्रोडक्ट के प्रचार के लिए किसी खलनायक को चुना था।