राष्ट्रीय
इतनी बड़ी संख्या में विद्यार्थियों की जांच कैसे हो पाएगी?
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा प्रीलिम्स परीक्षा (Civil Service Prelims Exam) कोरोना वायरस (Corona Virus) के चलते अभी तक नहीं हो पाई है. इस परीक्षा (Exams) का आयोजन 31 मई को देशभर (across country) के विभिन्न शहरों में बनाए गए परीक्षा केंद्र (Exam Centre) पर होना था, लेकिन कोरोना वायरस और देशभर में किए गए लॉकडाउन (Lockdown) के चलते इस परीक्षा को नहीं कराया जा सका. इस इस परीक्षा का आयोजन 4 अक्टूबर को होना है. यूपीएससी (UPSC) की सिविल सेवा प्रीलिम्स परीक्षा में शामिल होने के लिए आयोग ने नई गाइडलाइन जारी की है.
जिसके मुताबिक इस बार इस परीक्षा में वहीं उम्मीदवार शामिल हो पाएंगे जिनका कोरोना टेस्ट किया गया होगा. यानी बिना कोरोना की जांच कराए कोई उम्मीदवार परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएगा. आयोग की तरफ से जारी गाइडलाइन्स के मुताबिक, सिविल सेवा परीक्षा प्रीलिम्स में शामिल होने के लिए कोविड-19 की टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव होने की शर्त शामिल है. यानी अगर किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो वो इस बार इस परीक्षा में नहीं बैठ पाएगा. गौरतलब है कि यूपीएससी की परीक्षा में बड़ी संख्या में यूपी के विद्यार्थी भी शामिल होंगे. ऐसे में विद्यार्थियों के सामने परेशानी पैदा हो गई है.
परीक्षार्थियों का कहना है कि परीक्षा में बैठने के लिए कोविड-19 की जांच के लिए सरकार की तरफ से नामित अस्पतालों में जांच कराने को कहा गया है. जाहिर है कि जिस परीक्षार्थी की कोविड-19 की टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आ जाएगी, वह परीक्षा से वंचित हो जाएगा. विद्यार्थियों का यह भी कहना है कि अभी अस्पतालों में कोरोना के मरीजों की ही जांच नहीं हो पा रही है. इतनी बड़ी संख्या में विद्यार्थियों की जांच कैसे हो पाएगी? फिर यदि सरकार से अधिकृत निजी अस्पतालों या पैथालॉजी में जांच करानी पड़ी तो हर विद्यार्थी को इसके लिए 2500 रुपये भुगतान करना पड़ेगा.
परीक्षा की तैयारी करने वाले ज्यादातर विद्यार्थी ऐसे परिवारों से होते हैं कि उनके लिए यह रकम खर्च कर पाना कठिन हो जाएगा.
यही नहीं उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, प्रयागराज की खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) पद के लिए कराई जाने वाली परीक्षा को लेकर भी अभ्यर्थी परेशान हैं. इस परीक्षा का आयोजन 16 अगस्त को प्रस्तावित है. परीक्षा के लिए प्रदेश के 15 जिलों में परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जबकि परीक्षार्थियों की संख्या पांच लाख के आसपास है.
ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो पाना मुश्किल हो जाएगा. क्योंकि अभी 09 अगस्त को हुई B.Ed प्रवेश परीक्षा में 4.31 लाख परीक्षार्थियों के लिए सभी 73 जिलों में परीक्षा केंद्र बनाए गए थे, लेकिन परीक्षा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का कोई ध्यान नहीं रखा गया.(catch)