राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 27अक्टूबर। रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों और दूसरी लोन संस्थाओं को निर्देश दिया है कि वे मोरेटोरियम पीरियड के दौरान बकाया EMI पर ग्राहकों से ब्याज ना वसूले। सरकार ने कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि वह 2 करोड़ रुपए तक के लोन की EMI पर लगने वाले ब्याज की भरपाई अपनी तरफ से करेगा। मंगलवार को RBI ने इस मामले में एक नोटिफिकेशन जारी किया है।
क्या है यह स्कीम?
सुप्रीम कोर्ट में चली लंबी बहस के बाद सरकार और सुप्रीम कोर्ट इस बात पर सहमत हुई कि सरकार EMI पर लगने वाला ब्याज माफ करेगी। सरकार के इस स्कीम के तहत 1 मार्च से लेकर 31 अगस्त के बीच सिंपल इंटरेस्ट और कंपाउंड इंटरेस्ट के बीच का जो फर्क है उसकी भरपाई सरकारी खजाने से होगा। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं है कि यह पैसा सीधे ग्राहकों के खाते में आएगा या लोन की रकम में एडजस्ट किया जाएगा।
अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक, यह साफ है कि सरकार बैंकों की भरपाई करेगी। इस स्कीम के तहत फायदा लेने के लिए एक तय समय से पहले आवेदन करना होगा।
किसे होगा इस स्कीम का फायदा?
सरकार ने कहा है कि 2 करोड़ रुपए तक के लोन की EMI पर लगने वाला ब्याज वह चुकाएगा। बैंकों, NBFC और सरकारी-कोऑपरेटिव बैंकों से लिए गए लोन इस दायरे में आएंगे।
हालांकि इसमें एक शर्त है। शर्त ये है कि इस स्कीम के दायरे में सिर्फ वही लोन आएंगे जो 29 फरवरी 2020 तक NPS घोषित ना हुए हों। यह बॉरोअर पर निर्भर करेगा कि वह तीन महीने की EMI पर इस स्कीम का फायदा ले या फिर 6 महीने के लिए।
स्कीम का फायदा सभी के लिए
वैसे तो इस मामले की शुरुआत मोरेटोरियम पीरियड में EMI ना चुका पाने वालों के लिए किया गया था। लेकिन अब सरकार इस स्कीम का फायदा सबको देगी। यानी जिन लोगों ने 1 मार्च से लेकर 31 अगस्त के बीच EMI चुकाया है उन्हें भी इसका फायदा मिले। इस स्कीम का फायदा सबको देने की वजह ये है कि वक्त पर EMI चुकाने वालों को नुकसान ना हो। (moneycontrol)